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लोकनायक अस्पताल में करीब दो दर्जन सर्जरी रद्द

- ओटी टेक्नीशियन समेत पैरा मेडिकल के 51 कर्मियों संग 170 से अधिक फार्मासिस्ट को काम से हटाया

नई दिल्ली, 2 जुलाई: कोरोना महामारी काल में लोक नायक अस्पताल (एलएनएच) में भर्ती ओटी टेक्नीशियन समेत 51 पैरा मेडिकल स्टाफ को हटाने का असर मंगलवार को सर्जरी वाले मरीजों पर देखने को मिला। इस दौरान अस्पताल के सर्जरी विभाग, महिला एवं प्रसूति रोग विभाग, बाल चिकित्सा विभाग और यूरोलॉजी विभाग आदि से संबंधित करीब दो दर्जन मरीजों की सर्जरी नहीं हो सकी।

दरअसल, अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा निदेशक डॉ जेके बासु की ओर से बीते सोमवार को जारी आदेश के तहत 51 कर्मियों के साथ-साथ 170 से अधिक फार्मासिस्ट को काम से हटा दिया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि टर्मिनेटेड कर्मियों में से कोई भी कर्मी दो जुलाई से किसी भी विभाग में कार्यरत पाया जाता है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागाध्यक्ष की होगी। नतीजतन, अस्पताल के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या कम हो गई है और विभिन्न ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में करीब दो दर्जन से अधिक सर्जरी प्रभावित हुई। उधर, डॉक्टरों का कहना है कि स्टाफ के जाने से मेडिकल सेवाओं पर असर पड़ेगा, क्योंकि अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की तुलना में स्टाफ की संख्या पर्याप्त नहीं है। ऐसे में स्टाफ के चले जाने से सेवाओं पर असर पड़ना लाजिमी है। आज कम से कम 10 ओटी प्रभावित हुई है जिसके चलते दो दर्जन मरीजों की सर्जरी रद्द हो गई।

क्या कहना है अस्पताल का ?
अस्पताल प्रशासन के मुताबिक 51 कर्मियों की सेवाएं कैट के आदेश के बाद समाप्त की गईं हैं। उनके जाने से सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चूंकि हमारे पास पर्याप्त स्थायी कर्मचारी हैं। इसके अलावा सुश्रुत ट्रामा सेंटर और ऑक्सीजन गैस प्लांट में कार्यरत टेक्नीशियन को अस्पताल में तैनात किया जाएगा ताकि मरीजों को किसी किस्म की असुविधा का सामना न करना पड़े। दूसरी ओर डॉक्टरों का कहना है कि स्टाफ के जाने से सेवाओं पर असर पड़ेगा, क्योंकि अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की तुलना में स्टाफ की संख्या पर्याप्त नहीं है। ऐसे में स्टाफ के चले जाने से सेवाओं पर असर पड़ना लाजिमी है।

क्या है मामला ?
लोक नायक अस्पताल में कोविड काल में 89 दिन के अनुबंध पर पैरा मेडिकल स्टाफ भर्ती की गई थी, जिसे जरूरत के अनुसार आगे बढ़ाया जाता रहा। इनमें फार्मासिस्ट, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, ईसीजी असिस्टेंट, जूनियर रेडियोग्राफर, ओटी असिस्टेंट की भर्ती शामिल थी। साल 2021 में कोरोना की लहर धीमी होने के बाद सरकार की ओर से सभी को हटाने के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि उनकी जरूरत अस्पताल में नहीं थी। इसके बाद सभी पैरा मेडिकल स्टाफ के कर्मचारी केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चले गए थे। यहां उनको हटाने पर स्टे दे दिया गया, जिसके बाद उन्होंने काम जारी रखा। हाल ही में कैट ने एक आदेश के माध्यम से पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाओं का मामला अस्पताल प्रशासन के विवेक पर छोड़ा था। इस संबंध में अस्पताल निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने सभी को हटाने का निर्णय लिया है।

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