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जीटीबी से बैरंग लौट रहे हड्डी की सर्जरी वाले रोगी

- करीब 3 महीने से खराब पड़ी है टूटी हड्डी जोड़ने में सहायक सी आर्म मशीन

नई दिल्ली, 23 सितम्बर: दुर्घटना, मारपीट व अन्य कारणों के चलते हड्डी टूटने की समस्या से पीड़ित लोगों को पिछले 3 महीने से गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में सर्जरी की सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते गरीब और जरूरतमंद मरीजों को अन्य सरकारी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है। वहीं, निजी अस्पतालों में सर्जरी के लिए मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है।

दरअसल, जीटीबी अस्पताल के अस्थि रोग विभाग में तीन सी -आर्म मशीन मौजूद हैं लेकिन तीनों ही मशीनें करीब तीन महीने से खराब पड़ी हैं। यह मशीन मरीज की टूटी हड्डियों को जोड़ने से संबंधित सर्जरी के दौरान डॉक्टरों की मदद करती है जिससे मरीज का सटीक ऑपरेशन होने के साथ सर्जरी की गुणवत्ता भी बढ़ जाती है। इस मशीन की मदद से सर्जरी संपन्न होने के बाद मरीज की रिकवरी भी तेजी से होती है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक जीटीबी अस्पताल के आपातकालीन इमरजेंसी विभाग का ओटी (ऑपरेशन थियेटर) सी आर्म मशीन खराब होने की वजह से लंबे अरसे से बंद है।

वहीं, दो अन्य ओटी भी सी -आर्म मशीनों में तकनीकी खामियां होने की वजह से बंद हैं जिसके चलते रोजाना मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। जबकि यह अस्पताल खुद एक रेफरल सेंटर है जहां उत्तरी पूर्वी दिल्ली के जग प्रवेश चंद अस्पताल से लेकर पूर्वी दिल्ली के हेडगेवार अस्पताल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल तक से मरीजों को रेफर किया जाता है। चूंकि इन तीनों अस्पतालों में अस्थि रोग संबंधी सर्जरी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, इन अस्पतालों से रेफर होकर जीटीबी पहुंचने वाले मरीजों को भी बड़ी संख्या में बैरंग लौटना पड़ रहा है। यहां, दिल्ली के अलावा यूपी, बिहार तक से मरीज, इलाज के लिए बड़ी संख्या में आते हैं।

इस संबंध में अस्पताल के ईएमओ डॉ विनय कुमार ने बताया कि सी आर्म मशीन की मरम्मत के लिए कंपनी को ऑर्डर दे दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही मशीनें ठीक हो जाएंगी और मरीजों की दिक्कतें भी दूर हो जाएंगी। उधर, सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने सी आर्म मशीन उत्पादक कंपनी (बीपीएल) को अपरिहार्य कारणों से ब्लैक लिस्ट तो कर दिया। मगर उसकी दो सी आर्म मशीनों की देखभाल और मरम्मत का वैकल्पिक उपाय नहीं किया, जिस वजह से समस्या जस की तस रहने वाली है। अस्पताल में मरीजों की सर्जरी काफी समय से लंबित होने और अन्य अस्पतालों से रेफर होकर आने वाले मरीजों की वजह से एक मशीन से काम नहीं चलेगा।

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