India-Canada Relations: “कनाडा में भारतीय व्यवसायियों पर उत्पीड़न, डॉ. कृष्णन सुतंथिरन का ट्रूडो सरकार पर हमला”
रिपोर्ट: रवि डालमिया
India-Canada Relations: कनाडा के प्रमुख व्यवसायी और वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. कृष्णन सुतंथिरन ने कनाडा में भारतीय व्यवसायियों के खिलाफ हो रहे आर्थिक और धार्मिक भेदभाव पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ षड्यंत्रकारी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है। डॉ. सुतंथिरन ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
India-Canada Relations: भारतीय समुदाय पर ज़ेनोफोबिया का आरोप
डॉ. सुतंथिरन ने कहा कि कनाडा में भारतीय हिंदू प्रवासियों के खिलाफ ज़ेनोफोबिया की बढ़ती लहर न्याय और गरिमा के सिद्धांतों को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा, “ये केवल अधिकार नहीं हैं, ये हमारे अस्तित्व के मूल सिद्धांत हैं।” भारतीय मूल के लोगों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए योगदान को सलाम करते हुए उन्होंने अपनी ‘प्राउड इंडियन पार्टी’ के जरिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी भारतीय नागरिकों के लिए सुलभ और मुफ्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
India-Canada Relations: वैश्विक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित
डॉ. सुतंथिरन ने अपने अनुभव और वैश्विक स्वास्थ्य में योगदान का जिक्र करते हुए कैंसर, डायबिटीज़ और हृदय रोगों की प्रारंभिक पहचान और इलाज पर जोर दिया। उन्होंने भारत में भ्रष्टाचार और लालफीताशाही की समस्याओं पर भी चिंता व्यक्त की, लेकिन यह भी कहा कि भारत वैश्विक स्वास्थ्य और विनिर्माण क्षेत्र में नेतृत्व करने की पूरी क्षमता रखता है।
India-Canada Relations: आर्थिक उत्पीड़न पर चिंता
कनाडा में भारतीय मूल के व्यवसायियों के आर्थिक उत्पीड़न का मामला अब वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। डॉ. सुतंथिरन ने प्रधानमंत्री ट्रूडो से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे पर ध्यान दें और भारतीय समुदाय को समावेशिता और समानता का भरोसा दिलाएं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील की कि वे इस भेदभाव और आर्थिक पूर्वाग्रह की निष्पक्ष जांच करें।
India-Canada Relations: परोपकारी पहलें और समाजिक जिम्मेदारी
डॉ. सुतंथिरन ने अपनी परोपकारी पहलों जैसे बेस्ट फूड फाउंडेशन और ट्रिपल ई (शिक्षा, सशक्तिकरण और समानता) का उल्लेख किया, जो वैश्विक स्तर पर पिछड़े समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने सस्ती स्वास्थ्य तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को हर व्यक्ति तक पहुंचाने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “21वीं सदी भारत की सदी है। हमें मिलकर एक ऐसा विश्व बनाना है जहां शांति, प्रगति और साझा समृद्धि के मूल्य सर्वोपरि हों।”
डॉ. कृष्णन सुतंथिरन, जो टीमबेस्ट ग्लोबल (टीबीजी) कंपनियों के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, पिछले पांच दशकों से वैश्विक स्वास्थ्य और ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने स्वच्छ पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने के लिए कई पहलों की शुरुआत की और आज भी समाज के विकास में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।