
Vivek Ramaswamy: ट्रंप सरकार में भारतीय मूल के राजनेता का योगदान
Vivek Ramaswamy: डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन में भारतीय-अमेरिकी उद्यमी Vivek Ramaswamy को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें ‘देशभक्त अमेरिकी’ कहा है। विवेक रामास्वामी, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के साथ मिलकर, नौकरशाही में सुधार, फेडरल एजेंसियों का पुनर्गठन, और अनावश्यक खर्चों में कटौती का कार्य करेंगे।
शिक्षा और करियर पृष्ठभूमि
1985 में ओहियो में जन्मे विवेक रामास्वामी के माता-पिता भारतीय प्रवासी थे। हार्वर्ड विश्वविद्यालय से जीव विज्ञान में डिग्री और येल लॉ स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने बायोटेक क्षेत्र में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने ‘वोक इंक.’ जैसी किताबों के माध्यम से भी सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी सोच रखी।

युद्ध और हिंदू धर्म पर विचार
विवेक रामास्वामी युद्ध के खिलाफ हैं और यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की बात कहते हैं। वे हिंदू धर्म का पालन करते हैं, परन्तु उनका मानना है कि उनके मूल्य ईसाई समुदाय के समान हैं। उनके चुनावी अभियान में उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के समर्थन का वादा किया।

अवैध प्रवासियों पर सख्त रुख
Vivek Ramaswamy ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों के लिए कोई जगह नहीं है। उनके विचारों में, ऐसे लोगों को वापस उनके देश भेजा जाना चाहिए और अवैध प्रवासियों के बच्चों की नागरिकता समाप्त की जानी चाहिए।
राजनीतिक यात्रा और ट्रंप का समर्थन
पहले Vivek Ramaswamy ने रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की दावेदारी प्रस्तुत की थी, लेकिन बाद में ट्रंप का समर्थन कर अपने अभियान को रोक दिया। इसके बाद, वे ट्रंप के साथ मिलकर चुनावी कार्यक्रमों में लोगों को ट्रंप के समर्थन के लिए प्रेरित कर रहे हैं।