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Imane Khelif Controversy: लड़की बनकर खेली ओलंपिक, अब जेंडर टेस्ट अनिवार्य, वर्ल्ड बॉक्सिंग ने लगाया बैन

ओलंपिक विजेता Imane Khelif पर जेंडर विवाद के चलते वर्ल्ड बॉक्सिंग ने बैन लगाया है। अब महिला कैटेगरी में खेलने से पहले जेंडर टेस्ट अनिवार्य होगा।

ओलंपिक विजेता Imane Khelif पर जेंडर विवाद के चलते वर्ल्ड बॉक्सिंग ने बैन लगाया है। अब महिला कैटेगरी में खेलने से पहले जेंडर टेस्ट अनिवार्य होगा।

लड़की बन ओलंपिक खेली Imane Khelif पर लगा बैन, अब करना होगा अनिवार्य जेंडर टेस्ट

पेरिस ओलंपिक 2024 के स्वर्ण विजेता Imane Khelif पर बढ़ा विवाद, वर्ल्ड बॉक्सिंग का बड़ा फैसला

पेरिस ओलंपिक 2024 में अल्जीरिया की महिला बॉक्सर Imane Khelif (Imane Khelif) के गोल्ड जीतने के बाद उनके जेंडर को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। अब इस मामले में वर्ल्ड बॉक्सिंग ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी खिलाड़ियों के लिए जेंडर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। इसी के तहत Imane Khelif को प्रतिबंधित कर दिया गया है जब तक वह टेस्ट पास नहीं कर लेतीं।

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Imane Khelif पर क्यों उठा विवाद?

Imane Khelif ने महिलाओं की वेल्टरवेट कैटेगरी में भाग लेकर गोल्ड मेडल जीता था। लेकिन बाद में प्रतियोगी मुक्केबाजों ने आरोप लगाया कि Imane Khelif का शरीर पुरुषों जैसी ताकत रखता है और उनका जन्म पुरुष के रूप में हुआ था, जिसे बाद में जेंडर ट्रांजिशन के जरिए बदला गया।

इसके बाद वर्ल्ड बॉक्सिंग को इस विवाद में हस्तक्षेप करना पड़ा। संस्था ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इमाने को नीदरलैंड्स में 5-10 जून को होने वाले आइंडहोवन बॉक्स कप में महिला कैटेगरी में भाग लेने से रोक दिया है, जब तक कि वह पीसीआर जेंडर टेस्ट से नहीं गुजरतीं।

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अब सभी बॉक्सिंग खिलाड़ियों को करवाना होगा पीसीआर टेस्ट

World Boxing ने एक नई नीति लागू की है जिसके अनुसार अब सभी 18 साल से अधिक उम्र के पुरुष और महिला खिलाड़ी, जो संस्था द्वारा आयोजित या मान्यता प्राप्त किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें PCR (Polymerase Chain Reaction) जेनेटिक टेस्ट करवाना होगा।

टेस्ट में क्या देखा जाएगा?

  • SRY Gene Detection: यह वाई क्रोमोसोम की उपस्थिति दर्शाता है जिससे जन्म के समय का बायोलॉजिकल सेक्स पता चलता है।

  • सैंपल: टेस्ट के लिए नाक, मुंह, लार या रक्त का नमूना लिया जाएगा।

  • उत्तरदायित्व: खिलाड़ी के राष्ट्रीय महासंघ को यह टेस्ट कराना होगा और बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले क्रोमोसोमल जेंडर सर्टिफिकेट देना होगा।

वर्ल्ड बॉक्सिंग की सख्ती क्यों?

वर्ल्ड बॉक्सिंग अब 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक की मुक्केबाज़ी प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रहा है, जिसे IOC (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) से अस्थायी मान्यता मिली है। पेरिस ओलंपिक के दौरान उठे विवाद के बाद संगठन ने इस नई नीति को पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए जरूरी बताया है।

Imane Khelif विवाद ने खेल जगत में ट्रांसजेंडर और जेंडर आइडेंटिटी को लेकर बहस को फिर से तेज कर दिया है। वर्ल्ड बॉक्सिंग की सख्ती से यह स्पष्ट हो गया है कि अब खिलाड़ियों को अपने जेंडर की वैज्ञानिक पुष्टि करनी होगी। यह कदम भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए एक मिसाल बन सकता है।

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