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Heritage City Mathura: हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट में बड़े बदलाव, ले-आउट, विकास मॉडल और एक्सप्रेसवे अलाइनमेंट में संशोधन तय

Heritage City Mathura: हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट में बड़े बदलाव, ले-आउट, विकास मॉडल और एक्सप्रेसवे अलाइनमेंट में संशोधन तय

नोएडा। राया अर्बन सेंटर में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी प्रोजेक्ट के स्वरूप में अब व्यापक बदलाव किए जाएंगे। ले-आउट प्लान, विकास मॉडल और वित्तीय ढांचे को फिर से तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मथुरा में जल्द ही एक उच्चस्तरीय बैठक होगी जिसमें ब्रह्म तीर्थ विकास परिषद, मथुरा जिला प्रशासन और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में संशोधित प्रस्ताव पर अंतिम सहमति दी जाएगी, जिसके बाद निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी होंगे।

पूरे 753 एकड़ क्षेत्र में बनने वाली यह हेरिटेज सिटी ब्रज की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और स्थापत्य विरासत को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का लक्ष्य रखती है। परियोजना की विस्तृत DPR पहले ही तैयार की जा चुकी है, लेकिन अब कई महत्वपूर्ण संशोधन किए जा रहे हैं। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर को जोड़ने वाले 7 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का मौजूदा अलाइनमेंट घुमावदार था, जिसे अब सीधा किया जाएगा ताकि कनेक्टिविटी बेहतर हो सके। यह सड़क NHAI द्वारा विकसित की जाएगी और इसके अनुरूप YEIDA को अपने मास्टर प्लान में बदलाव करना अनिवार्य हो गया है।

करीब 7,200 करोड़ रुपये की यह परियोजना पहले पूरी तरह PPP मॉडल पर विकसित होनी थी, लेकिन जमीन अधिग्रहण और निर्माण लागत अधिक होने के कारण YEIDA ने अब मिक्स मॉडल अपनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्राधिकरण खुद रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल सेक्टर विकसित करेगा, जबकि कृष्ण हेरिटेज ज़ोन, वेलनेस व मेडिटेशन एरिया, मंदिर परिसर, पार्क, ग्रीन कॉरिडोर और यमुना रिवर फ्रंट जैसे थीम आधारित क्षेत्रों को निजी कंपनियों की भागीदारी से विकसित किया जाएगा।

हाल ही में YEIDA बोर्ड की बैठक में संशोधित मॉडल व ले-आउट प्रस्तुत किया गया था, लेकिन बोर्ड ने तत्काल निर्णय लेने के बजाय सभी पक्षों की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया। उसी के अनुरूप मथुरा में यह महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। YEIDA अधिकारियों का कहना है कि “यह बैठक प्रोजेक्ट के भविष्य का खाका तय करेगी। विकास मॉडल, ले-आउट और लागत संरचना पर अंतिम निर्णय यहीं होगा।” संशोधनों को स्वीकृति मिलने के बाद संशोधित DPR को अंतिम रूप दिया जाएगा और प्रोजेक्ट के ग्राउंड-वर्क की राह साफ हो जाएगी।

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