Gujarat : गुजरात में लखपति दीदी की संख्या 5 लाख के पार, 10 लाख महिलाओं को बनाएगा आत्मनिर्भर

Gujarat News (अभिषेक बारड) : देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2023 में ‘लखपति दीदी’ योजना शुरू की गई थी। 2027 तक 3 करोड़ महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना इस योजना का उद्देश्य है। गुजरात की महिलाओं को इस योजना का बड़े पैमाने पर लाभ मिले; इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप; जुलाई 2025 तक राज्य में करीब 5 लाख 96 महिलाओं की आय एक लाख रुपए से अधिक तक पहुँची है और वे गर्व के साथ गुजरात की ‘लखपति दीदी’ बनी हैं। आगामी समय में गुजरात 10 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनने में सहायक होकर महिला सशक्तिकरण का अभूतपूर्व उदाहरण प्रस्थापित करने को प्रतिबद्ध है।
राज्य में 10 लाख से अधिक संभावित लखपति दीदी की पहचान
राज्य के प्रशिक्षित कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) द्वारा हाल में ऐसी 10.74 लाख महिलाओं की पहचान की गई है, जो लखपति दीदी बन सकती हैं। पहचान की गईं संभावित लखपति दीदी की वर्तमान गतिविधियों तथा उनके पास उपलब्ध स्रोतों, हुए खर्च एवं आय के विवरण प्राप्त करने के लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा डिजिटल आजीविका रजिस्टर तैयार किया गया है। इस रिजस्टर से प्राप्त जानकारी के आधार पर पहचानी गईं लखपति दीदी को उनकी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण, एसेट, आर्थिक सहायता एवं मार्केटिंग के लिए जरूरी सपोर्ट किया जा रहा है।
किस प्रकार काम करती है लखपति दीदी योजना ?
यह योजना स्वयं-सहायता समूहों से जुड़ीं ग्रामीण महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने में सहायक बनती है, जिससे उनकी वार्षिक आय एक लाख से अधिक हो सके। महिलाएँ कृषि, पशुपालन, हस्तकला तथा अन्य स्थानीय क्षेत्रों में व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। इसके लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं द्वारा उन्हें प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता एवं बाजार से जुड़ने की सुविधा दी जाती है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके। केन्द्र की गाइडलाइन के अनुसार लखपति दीदी के लिए निम्न विवरण के अनुसार आय गणना की जाती है :
कृषि तथा उससे जुड़े व्यवसाय की वर्ष के दौरान कुल आय।
नॉन-फार्म एक्टिविटी; जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग, सर्विसेज आदि की आय।
परिवार में कोई व्यक्ति नौकरी करता हो, तो उसकी आय।
फार्म तथा नॉन-फार्म व्यवसाय में मजदूरी कार्य से प्राप्त होने वाली आय।
सरकार के योजनागत लाभों द्वारा प्राप्त हुई राशि।
कमीशन, मानद् वेतन से प्राप्त आय।
124 मास्टर ट्रेनर्स द्वारा 10 हजार से अधिक सीआरपी को प्रशिक्षण
इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए गुजरात सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। तहसील स्तर पर 124 मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति की गई है, जिन्होंने अब तक 10 हजार से अधिक कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन्स (सीआरपी) को प्रशिक्षण दिया है। ये सीआरपी स्वयं-सहायता समूहों से जुड़ीं महिलाओं को सहयोग देंगे। इस समग्र प्रक्रिया के लिए डिजिटल आजीविका रजिस्टर पर डेटा अपडेट किया जाता है, जो देखरेख के साथ महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहयोग एवं मार्केट से कनेक्टिविटी देने में सहायक होता है।
सूरत की अंकिताबेन की आय एक वर्ष में 2 लाख रुपए हुई
लखपति दीदी कार्यक्रम को राज्य सरकार ने सफलतापूर्वक धरातल पर लागू किया है। इसके फलस्वरूप महिलाओं के जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। सूरत की महुवा तहसील के शेखपुर गाँव की अंकिताबेन पीनलभाई पटेल ने वर्ष 2024 में ड्रोन पायलट के रूप में कार्य शुरू किया था। केवल एक वर्ष में ही उन्होंने ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव कर 2 लाख रुपए की कमाई की है। यह कार्य शुरू करने से पहले वे परिवार के साथ खेती कार्य करके जीवन यापन करती थीं। अंकिताबेन कहती हैं, “अब किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। हमें ऑर्डर भी लगातार मिल रहे हैं और अच्छी आय भी हो रही है। मेरे हसबैंड की ओर से भी मुझे पर्याप्त सपोर्ट मिलता है। मेरे परिवार को मेरे इस कार्य से बहुत आर्थिक सहायता हुई है।”