
नई दिल्ली, 2 अगस्त : भूटान के लघु एवं मध्यम उद्यमों और उत्पादकों के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने थिम्पू में अंतर्राष्ट्रीय मानक विकास कार्यशाला का आयोजन किया।
इस दौरान भूटानी व्यावसायियों को फलों, खाद्य पदार्थों और प्रसंस्कृत उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर ज्ञान और कौशल प्रदान किया गया। इससे जहां भूटानी व्यवसायियों को खाद्य और कृषि उत्पादों के बाबत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों को पूरा करने में आसानी होगी। वहीं, भारत को निर्यात किए जाने वाले उत्पादों के दोहरे निरीक्षण की जरूरत खत्म हो जाएगी। साथ ही भूटानी व्यवसायियों की नियम अनुपालन भी लागत कम हो जाएगी।
इस चार दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भूटान में भारत के दूतावास के सहयोग से किया गया जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री ल्योनपो नामगे दोरजी भी मौजूद रहे।इस अवसर पर पीएम तोबगे ने कहा, इस सहयोग से व्यापार में वृद्धि होने और भूटान में उद्यमियों, निर्माताओं और किसानों को जटिल विनियामक परिदृश्य से निपटने और भारत के साथ औपचारिक व्यापार में शामिल होने में मदद मिलेगी। उन्होंने थिम्पू, फुएंत्शोलिंग, गेलेफू और समद्रुप जोंगखार में कार्यशाला आयोजित करने के लिए भारतीय दूतावास को भी धन्यवाद दिया।
कार्यशाला में व्यापार नीति, विनियमन और प्रक्रियाओं के आवश्यक पहलुओं को शामिल किया गया जिसमें सेब, संतरे, आलू, सुपारी, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और लकड़ी जैसे प्रमुख कृषि उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया गया। इसके साथ ही व्यापार नीति, विनियमन और प्रक्रियाओं के आवश्यक पहलुओं पर भी चर्चा की गई। हाल ही में भूटान के बीएफडीए और एफएसएसएआई ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूटानी खाद्य और कृषि निर्यात भारत के सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं।
कार्यशाला का उद्देश्य भूटान में लघु एवं मध्यम उद्यमों (एसएमई) और उत्पादकों को महत्वपूर्ण ज्ञान और कौशल प्रदान करना था, ताकि वे भारत संग अपने कृषि निर्यात को सुविधाजनक बना सकें और बढ़ा सकें। इस कार्यशाला में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और एफएसएसएआई सहित प्रमुख भारतीय सरकारी एजेंसियों ने भाग लिया।