Ghaziabad Street Dog Protest: गाजियाबाद में सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग फैसले पर बंटा जनमत, प्रदर्शन और समर्थन दोनों तेज

Ghaziabad Street Dog Protest: गाजियाबाद में सुप्रीम कोर्ट के स्ट्रीट डॉग फैसले पर बंटा जनमत, प्रदर्शन और समर्थन दोनों तेज
गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्ट्रीट डॉग्स को उनके प्राकृतिक स्थानों से हटाने से जुड़े हालिया फैसले ने गाजियाबाद में तीखी बहस और विभाजित जनमत को जन्म दे दिया है। एक ओर पशु प्रेमी और डॉग लवर्स इस फैसले का खुलकर विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर फूड और सामान डिलीवरी करने वाले कर्मचारी इसे सही ठहरा रहे हैं। राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर (RDC) स्थित गौर मॉल के बाहर आज बड़ी संख्या में पशु प्रेमी एकत्र हुए और हाथों में बैनर व तख्तियां लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि स्ट्रीट डॉग्स को उनके प्राकृतिक आवास से हटाना न केवल अमानवीय है, बल्कि यह उनके अस्तित्व पर भी खतरा है। प्रदर्शन में हर उम्र के लोग शामिल हुए, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे। एक 5 साल की बच्ची हाथ में बैनर लिए खड़ी थी, जिस पर लिखा था, “मेरे डॉग्स मेरे परिवार हैं, मैं उन्हें कहीं नहीं जाने दूंगी।”
उसकी मासूम लेकिन दृढ़ आवाज ने वहां मौजूद सभी को भावुक कर दिया। कुछ लोग छोटे डॉग्स, बिल्लियों और बंदरों को भी अपने साथ लेकर आए, जिससे यह प्रदर्शन गाजियाबाद में पशु प्रेमियों की एकजुटता का प्रतीक बन गया। उनका मांग है कि सरकार स्ट्रीट डॉग्स के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक नीति बनाए। वहीं, डिलीवरी कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया। एक डिलीवरी ब्वॉय ने बताया कि ऑर्डर डिलीवरी के दौरान स्ट्रीट डॉग्स कई बार उनका पीछा करते हैं, जिससे डर के मारे खाना गिर जाता है और ग्राहक नाराज हो जाते हैं। इससे मानसिक और आर्थिक दोनों तरह की परेशानी होती है, इसलिए वे इस फैसले को सही मानते हैं। अब चुनौती यह है कि दोनों पक्षों की चिंताओं के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। क्या सरकार स्ट्रीट डॉग्स के लिए कोई मानवीय और व्यावहारिक नीति लाएगी या यह विवाद और गहराएगा, यह आने वाला समय बताएगा।