
Fit India Sunday On Cycle: साइकिल चलाओ कार्बन हटाओ इंसेंटिव पाओ डॉ मांडविया ने लॉन्च किया फिट इंडिया कार्बन क्रेडिट ऐप
नई दिल्ली। फिट इंडिया संडे ऑन साइकिल मिशन की पहली वर्षगांठ पर देशभर में स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण का उत्सव देखने को मिला। इस अवसर पर केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने पुडुचेरी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान फिट इंडिया मोबाइल ऐप का कार्बन क्रेडिट इंसेंटिवाइजेशन फीचर लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान अब सिर्फ फिटनेस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन कम करने का एक प्रभावी जन आंदोलन बन चुका है। देशभर में दो लाख से अधिक स्थानों पर बीस लाख से ज्यादा लोग इस अभियान से जुड़े और साइकिल चलाकर स्वैच्छिक रूप से पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया।
डॉ मांडविया ने कहा कि एक साल पहले इस पहल की शुरुआत केवल पांच स्थानों पर करीब पांच सौ लोगों के साथ की गई थी, लेकिन आज यह अभियान हर रविवार को दस हजार से ज्यादा जगहों पर आयोजित हो रहा है, जिसमें दस लाख से अधिक नागरिक नियमित रूप से भाग ले रहे हैं। उन्होंने इसे एक जुनून, एक संस्कृति और प्रदूषण के खिलाफ एक सशक्त समाधान बताया। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में यह आंदोलन मोटापे और अस्वस्थ जीवनशैली के खिलाफ देशव्यापी लड़ाई का रूप ले चुका है।
कार्यक्रम के दौरान लॉन्च किए गए फिट इंडिया मोबाइल ऐप के जरिए अब साइकिल चलाने वालों को कार्बन क्रेडिट आधारित इंसेंटिव दिए जाएंगे। डॉ मांडविया ने बताया कि हर महीने हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के साइकिलिस्टों की गतिविधियों को ऐप के माध्यम से मैप किया जाएगा और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शीर्ष तीन प्रतिभागियों को इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों को साइकिलिंग को रोजमर्रा की आदत बनाने के लिए प्रेरित करना और उन्हें इसके लिए प्रोत्साहन देना है।
पुडुचेरी के रॉक बीच पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में पंद्रह सौ से अधिक लोगों ने सामूहिक रूप से साइकिल चलाई और मिशन की पहली सालगिरह मनाई। इस विशेष संस्करण में ज़ुम्बा, कैरम, शतरंज, मल्लखंब, सिलाम्बम, योग और रस्सी कूद जैसी गतिविधियों ने लोगों को आकर्षित किया। कार्यक्रम में पुडुचेरी के उपराज्यपाल के कैलाशनाथन, मुख्यमंत्री एन रंगासामी, विधानसभा अध्यक्ष आर सेल्वम और गृह मंत्री ए नमस्सिवयम भी उपस्थित रहे।
उपराज्यपाल के कैलाशनाथन ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ मांडविया के गुजरात स्थित गांव भावनगर में लगभग चार हजार की आबादी है और वहां लोग केवल साइकिल का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे जीवनशैली परिवर्तन मिलकर पर्यावरण पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, विशेषकर कार्बन फुटप्रिंट कम करने में। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे साइकिल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
कार्यक्रम के दौरान कार्बन क्रेडिट की अवधारणा को भी सरल शब्दों में समझाया गया। बताया गया कि साइकिल चलाने से सीधे कार्बन क्रेडिट नहीं मिलते, लेकिन इससे कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में जो कमी आती है, उसे एक बड़े प्रोजेक्ट के तहत कार्बन क्रेडिट में बदला जाता है। इन क्रेडिट्स को कंपनियां या व्यक्ति अपने कार्बन फुटप्रिंट को संतुलित करने के लिए खरीदते हैं, जिससे पर्यावरण को लाभ और आम नागरिकों को आर्थिक प्रोत्साहन मिलता है।





