नई दिल्ली, 12 अगस्त : डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल में एम्स दिल्ली के आरडीए द्वारा सोमवार सुबह अचानक शामिल होने की घोषणा से मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान एम्स दिल्ली की चिकित्सा सेवाओं में 20% से 80% गिरावट दर्ज की गई।
हालाँकि, इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सा सेवाओं को सामान्य बनाने के लिए अपने फैकल्टी और वरिष्ठ डॉक्टरों का सहारा लिया जिसके चलते एम्स की वार्ड, लैब व इलेक्टिव सर्जरी समेत रेडियोलॉजिकल सेवाएं काफी हद तक सुचारु करने में मदद मिली। एम्स की चिकित्सा अधीक्षक डॉ निरुपम मदान ने बताया कि सोमवार को शाम साढ़े चार बजे तक आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं सामान्य रहीं। इस दौरान मेन अस्पताल, ट्रामा सेंटर, आरपी सेंटर और एनसीआई में 538 मरीजों का इलाज किया गया। वहीं, ओपीडी में 10553 मरीजों का उपचार किया गया जो सामान्य से 20 फीसद कम था। इसके अलावा 625 मरीजों को इलाज के लिए भर्ती किया गया। ये संख्या 35% कम दर्ज की गई, जबकि
ब्लड बैंक सेवा सामान्य रही। वहीं, ऑपरेशन थियेटर सबसे अधिक प्रभावित रहा। यहां 98 मेजर और 96 माइनर सर्जरी को अंजाम दिया गया जो 80% कम रहीं। डॉ मदान ने बताया कि लैब सेवाओं में 25%, रेडियोलोजी सेवाओं में 40%, न्यूक्लिअर मेडिसिन में 20% की कमी दर्ज हुई है। उन्होंने कहा आरडीए की हड़ताल से मरीजों को उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ा।