ज्यादा चीनी खाने से केवल डायबिटीज नहीं, बढ़ सकता है डिप्रेशन का भी खतरा: स्टडी में खुलासा

ज्यादा चीनी खाने से केवल डायबिटीज नहीं, बढ़ सकता है डिप्रेशन का भी खतरा: स्टडी में खुलासा
Sugar and Depression: आमतौर पर कहा जाता है कि स्वास्थ्य के लिए मीठा कम खाना चाहिए। ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज यानी शुगर का खतरा बढ़ने की बात स्वास्थ्य विशेषज्ञ हमेशा से कहते आए हैं। हाल ही में एक अध्ययन में यह सामने आया है कि ज्यादा मीठा खाने और डिप्रेशन के बीच एक गहरा संबंध है।
ज्यादा मीठा बढ़ाता है डिप्रेशन: अध्ययन
Surrey विश्वविद्यालय की एक शोध टीम द्वारा किए गए अध्ययन में बताया गया है कि जो लोग अधिक मीठा खाते हैं, उन्हें गंभीर बीमारियों जैसे डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है। अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला कि ज्यादा चीनी का सेवन करने से डिप्रेशन का रिस्क बढ़ जाता है। ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है कि अधिक मीठा खाने वाले लोग डायबिटीज, डिप्रेशन और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के खतरे में तेजी से आते हैं।
अध्ययन की विधि
अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों को तीन समूहों में बांटा गया:
- ओम्नीवोरस: जो सब्जियां और मांस दोनों खाते हैं।
- हेल्थ कॉन्शस: जो सब्जियां और फल ज्यादा खाते हैं।
- स्वीट टूथ ग्रुप: जो मीठा अधिक पसंद करते हैं।
इन तीनों समूहों को उनके पसंदीदा खाद्य पदार्थ दिए गए। अध्ययन में पाया गया कि स्वीट टूथ ग्रुप के लोग डिप्रेशन की चपेट में अधिक देखे गए।
मेटाबॉलिज्म पर असर
शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों ने बाकी समूहों की तुलना में अधिक मीठा खाया, उनका मेटाबॉलिक रेट खराब था। इसके साथ ही इस समूह के लोग ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने, शरीर में सूजन, पाचन संबंधी समस्याओं और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों का भी सामना कर रहे थे।
निष्कर्ष
अध्ययन के परिणामों के अनुसार, ज्यादा मीठा खाने वाले लोगों में डिप्रेशन का खतरा अन्य समूहों की तुलना में 31 फीसदी ज्यादा था। इसलिए, अध्ययन में यह सुझाव दिया गया है कि अधिक मीठे की बजाय सब्जियों और फलों का सेवन करने से मेटाबॉलिक रेट और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
Disclaimer
यहाँ दी गई जानकारी कुछ मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।