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डॉक्टरों का सांकेतिक विरोध हुआ अनिश्चितकालीन

-पश्चिम बंगाल में भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों संग दिल्ली के डॉक्टरों ने दिखाई एकजुटता

नई दिल्ली, 10 अक्तूबर : एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रेजिडेंट डॉक्टरों के राष्ट्रीय महासंघ (नाफोर्ड) और फाइमा के आह्वान पर देशभर के डॉक्टरों ने बुधवार को काली पट्टी बांधकर काम किया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के छात्रों संग एकजुटता प्रदर्शित की।

इस दौरान राजधानी दिल्ली के लोकनायक, जीबी पंत, गुरु नानक नेत्र केंद्र, मौलाना आजाद दंत अस्पताल, जीटीबी अस्पताल और इंदिरा गांधी अस्पताल के साथ एम्स भोपाल, रायपुर, बीबीनगर, मंगलागिरि और नागपुर में कार्यरत डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, इस दौरान देश के तमाम अस्पतालों में मरीजों के उपचार के लिए ओपीडी, सर्जरी व अन्य चिकित्सा सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहीं। वहीं, शाम को एम्स दिल्ली के साथ काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आरडीए ने कैंडल मार्च का आयोजन किया।

नाफोर्ड के अध्यक्ष डॉ दिव्यभूषण वार्ष्णेय ने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी के दौरान हत्या और रेप जैसी जघन्य वारदात की शिकार डॉक्टर अभया को न्याय दिलाने के लिए कोलकाता के जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल कर रहे हैं। जबतक वहां के डॉक्टर भूख डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। तब तक हम काला रिबन बांधकर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे। वहीं, जीटीबी आरडीए के अध्यक्ष डॉ रजत शर्मा और एमएएमसी से संबद्ध अस्पतालों के आरडीए महासचिव डॉ सौमित डे ने बताया कि डॉक्टरों का शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।

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