Delhi: दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, एआई कैमरे करेंगे निगरानी

Delhi: दिल्ली में 1 जुलाई से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, एआई कैमरे करेंगे निगरानी
रिपोर्ट: रवि डालमिया
प्रदूषण से जूझ रही देश की राजधानी दिल्ली में सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाने का फैसला किया है। 1 जुलाई 2025 से दिल्ली के सभी पेट्रोल और डीजल पंपों पर 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय प्रदूषण पर नियंत्रण की दिशा में दिल्ली सरकार की बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस व्यवस्था को सख्ती से लागू कराने के लिए पेट्रोल पंपों पर अत्याधुनिक एआई आधारित नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए गए हैं, जिन्हें परिवहन विभाग के डेटाबेस से जोड़ा गया है।
दिल्ली सरकार की इस नीति के तहत अब पेट्रोल पंप पर जैसे ही कोई ओवरएज यानी तय सीमा से अधिक पुराना वाहन ईंधन भरवाने पहुंचेगा, वहां लगे एआई कैमरे उसकी नंबर प्लेट को स्कैन कर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के डेटाबेस से उसकी वैधता की पुष्टि करेंगे। अगर वाहन तय आयु सीमा पार कर चुका होगा, तो स्पीकर के माध्यम से अलार्म बजेगा और वाहन का नंबर घोषित करते हुए बताया जाएगा कि यह वाहन एक्सपायर हो चुका है। ऐसे वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा।
विवेक विहार क्षेत्र के पेट्रोल पंप मैनेजर संजय डेडा ने जानकारी दी कि नंबर प्लेट रीडर कैमरे पूरी तरह सक्रिय कर दिए गए हैं और इन्हें सीधे परिवहन विभाग की प्रणाली से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि जैसे ही कोई प्रतिबंधित वाहन पंप पर आता है, कैमरा स्वतः उसकी पहचान कर लेता है और स्पीकर के माध्यम से चेतावनी जारी करता है। संजय डेडा ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई वाहन चालक बैन के बावजूद ईंधन लेने का प्रयास करता है या पंप कर्मचारियों से बदसलूकी करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने वाहन चालकों से अपील की कि वे सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें और ऐसे वाहनों को लेकर पंप पर न आएं जो तय सीमा से अधिक पुराने हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल प्रशासन का नहीं बल्कि हर नागरिक की भागीदारी से सफल होगा। राजधानी की हवा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। पेट्रोल पंप मैनेजर ने यह भी बताया कि कर्मचारी ग्राहकों से हाथ जोड़कर निवेदन करेंगे कि वे नियमों का उल्लंघन न करें और पर्यावरण की रक्षा में अपना सहयोग दें। उन्होंने यह विश्वास जताया कि जन जागरूकता के साथ दिल्ली को प्रदूषण से मुक्त करने की दिशा में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।