
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने वाले है। इस चुनाव में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच काटे की टक्कर दिखाई दे रही है। वहीं कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी का खेल खराब करने में लगी है। इस त्रिकोणीय लड़ाई में आम आदमी पार्टी के चुनावी रणनीति और विजन के बारे जानने के लिए टॉप स्टोरी नेशनल इंग्लिश अख़बार के प्रधान संपादक प्रवीण अत्रे ने वरिष्ठ आप पार्टी के नेता और डायलॉग एंड लायंस कमीशन दिल्ली (डीडीसीडी) के पूर्व उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह से विस्तृत बात चीत की हैं।
“पिछले 10 वर्षों के अंदर भारत के किसी भी राज्य में इतना काम हुआ है जितना आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में किया हैं। दिल्ली के विकास मॉडल पर मैंने हाल ही में अपने किताब दिल्ली मॉडल में इसका गहराई से जिक्र किया है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, यातायात, प्रदूषण आदि मुद्दे पर युद्ध स्तर पर दिल्ली में काम किया हैं,” जैस्मीन शाह
“कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी को टार्गेट कर रही है, भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का रुख आक्रामक नहीं है। भाजपा के लोग खुलेआम पैसा, जूते, साडी, चपल, बाट रहे हैं, भाजपा सारी नियमों का सरेआम उलंघन कर रही हैं लेकिन अभी तक कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। कांग्रेस केवल और केवल एक काम कर रही है, इस चुनाव में भाजपा को जिताने का काम कर रही हैं, जैस्मीन शाह
“दिल्ली की जनता जानती है कि अरविन्द केजरिवाल जी को एक षड़यंत्र के तहत जेल भेजा गया। दिल्ली के विकास और प्रगति को रोकने की कोशिश की गई। दिल्ली की जनता चाहती हैं अरविंद केजरिवाल ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बने,” जैस्मीन शाह
बात चीत के प्रमुख अंश:
2025 का विधानसभा चुनाव आम पार्टी के लिए सबसे कठिन चुनाव माना जा रहा है। आपकी क्या रणनीति है?
जैस्मीन शाह: आम आदमी पार्टी हर चुनाव को बहुत गंभीरता से लेती है और चुनाव की रणनीति भी सभी समीकरण को ध्यान में रखकर बनाती हैं। आपको याद होगा, 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूरा चुनाव शाहीन बाग के मुद्दे पर लड़ाना चाहा। भाजपा ने सांप्रदायिक अशांति पैदा करने की भी कोशिश की फिर भी आम आदमी पार्टी पर दिल्ली कि जनता ने भरोसा जताया। हमारी रणनीति हमेशा के लिए तैयार हैं। हम अपने सहयोगियों के साथ पिछले 10 वर्षों में दिल्ली में हुए विकास के मुद्दे के दम पर जनता के बीच जा रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि पिछले 10 वर्षों के अंदर भारत के किसी भी राज्य में इतना काम हुआ है। दिल्ली के विकास मॉडल पर मैंने हाल ही में अपने किताब दिल्ली मॉडल में इसका गहराई से जिक्र किया है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, यातायात, प्रदूषण आदि मुद्दे पर युद्ध स्तर पर दिल्ली में काम किया हैं।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में इतने विकास किए है फिर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपना पटपड़गंज विधानसभा सीट क्यों छोड़ दिया। कहीं ऐसा तो नहीं कि वो जंगपुरा से इसलिए चुनाव लड़ रहे क्योंकि वहां मुस्लिम वोट बैंक आपका है।
जैस्मीन शाह: नहीं, देखिए मनीष शिसोदिया जी ने अपना सीट इसलिए छोड़ने का निर्णय लिया क्योंकि अवध ओझा जी ने आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली थी। उनसे पूछा गया कि आप कहां से लड़ना चाहते हैं तो उन्होंने पड़पड़गंज का प्रताव रखा क्योंकि वहां से मनीष सिसौदिया जी विधायक और उपमुख्यमंत्री थे और उनका उस विधानसभा में शिक्षा मॉडल को लेकर बहुत लोकप्रियता हैं। इस वजह से अवध जी को लाने के लिए सिसोदिया जी ने खुद को जंगपुरा शिफ्ट कर लिया। ऐसी कोई बात नहीं है, यहां जंगपुरा सीट पर पूरी मेजॉरिटी मुस्लिम का नहीं है। हर विधानसभा में अगर आप देखें तो कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग रहते ही हैं। दिल्ली में सिर्फ पुरानी दिल्ली, बल्लीमारान, मुस्तफाबाद और ओखला आदि कुछ सीटे मुस्लिम बहुसंख्यक सीट है। अन्य विधान सभाओं में मुस्लिम और अन्य वर्ग के लोग भी रहते है। ये तथ्य बिल्कुल निराधार है। यहां सिर्फ एक उद्देश्य था कि अवध ओझा को अच्छे जगह से चुनाव लड़ाया जाएं।
आम आदमी पार्टी के लिए 2025 का विधानसभा इसलिए भी कठोर है क्योंकि आपके सभी बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ा। वहीं अरविंद केजरीवाल बोल रहे है कि अगर जीतेंगे तो मनीष सिसौदिया फिर से उप मुख्यमंत्री बनेंगे।
जैस्मिन शाह: नहीं वो इसलिए बोले क्योंकि अभी वो फिलहाल के डिप्टी सीएम नहीं हैं। देखिये ऐसा पहली बार हुआ कि जेल जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने इस्तीफ़ा दे दिया। जैसे वो जेल से बाहर आए उनके ऊपर विकल्प था कि वे मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री बन जाते। पर दोनों ने ये फैसला किया कि पहले हम जनता की अदालत में जाएंगे हमारी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है। दोनों नेताओं की एक इमानदार छवि है। बीजेपी ने उन्हें झूठे फर्जी मुकदमे में ज़बदस्ती जेल में डाल दिया। कहीं न कहीं जनता भी सोचती होगी कि आखिर जेल में क्यों डाला गया तो उन्हें लगा कि नहीं हम जनता के बीच में जाएंगे और समझाएंगे और जब जनता कहेगी तब हम वापस सरकार में आएंगे। तो पूरा चुनाव ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इर्द गिर्द है और हमारा नारा भी है फिर लाएंगे केजरीवाल। जंगपुरा के लोगों को ये भी बताना जरूरी था कि देखिए आप सिर्फ विधायक ही नहीं चुन रहे हैं, आप अपना उप मुख्यमंत्री भी चुन रहे हैं।
राहुल गांधी लगातार अरविंद केजरीवाल पर हमले कर रहे हैं, उन्होंने ने बोला कि केजरीवाल मोदी जी से डरते है। वह शीशमहल में रहने और शराब घोटाले को लेकर कर आम आदमी पार्टी को घेर रहे हैं। 2013 में जब कांग्रेस की सरकार थी तो केजरीवाल कांग्रेस पर तीखे आरोप लगा रही थी। अब वहीं काम कांग्रेस कर रही है।
जैस्मिन शाह: राहुल गांधी का यह बयान बहुत हास्यास्पद हैं कि मोदी जी से अरविंद केजरिवाल डरते हैं। अगर डरते तो जेल नहीं जाते। केजरीवाल और मोदी जी में कोई आपसी साठगांठ नहीं हैं, यदि होता तो केजरीवाल जी को जेल नहीं जाना पड़ता। सवाल यह पूछना चाहिए कि कॉंग्रेस के उपर भाजपा ने कम केस नहीं लगाया। नैशनल हेराल्ड केस लगाया। रोबर्ट वाड्रा के ऊपर केस लगाया। कांग्रेस के किसी नेता को जेल जाते देखा आपने। कहीं ना कहीं अंदर खाने इन्होंने अपनी मिली भगत से सारी चीजें रफा दफा करवा ली। कभी भी कॉंग्रेस का एक भी नेता आज तक जेल नहीं गया लेकिन हाँ आम आदमी पार्टी के कट्टर और इमानदार सभी शीर्ष नेताओं को भाजपा ने एक के बाद एक को जेल भेजा। उन्होंने ने एक भी बार ये नहीं बोला कि हम भाजपा से समझौता कर लेंगे। वो जेल जाने के लिए तैयार है। इस चुनाव में ही देख लीजिए कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ आम आदमी पार्टी को टार्गेट कर रही है, भाजपा के खिलाफ कांग्रेस का रुख आक्रामक नहीं है। भाजपा के लोग खुलेआम पैसा, जूते, साडी, चपल, बाट रहे हैं, भाजपा सारी नियमों का सरेआम उलंघन कर रही हैं लेकिन अभी तक Congress ने भाजपा के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। दिल्ली की जनता को तो ये साफ दिख रहा है कि कॉंग्रेस केवल और केवल एक काम कर रही है, इस चुनाव में भाजपा को जिताने का काम कर रही है। कांग्रेस के खुद के नेताओं को पता है कि कॉंग्रेस एक भी सीट नहीं जितने वाली, इसलिए केजरीवाल को गाली दो केजरीवाल पर हमले करो और भाजपा के खिलाफ एकदम चुप रहो, इसका मतलब साफ़ है की कांग्रेस भाजपा को जिताने के लिए चुनाव लड़ कर रहे हैं।
2015 से पूर्व आपने 10 वर्षों तक कई राज्य सरकारों के साथ काम किया है। आपको नहीं लगता कि मुफ़्त की योजनाएं लाकर जो रेवड़ियां बाटी जाती है, ये कितना उचित हैं। क्या इससे सरकार के खजाने पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।
जैस्मिन शाह: अच्छा सवाल आपने पूछा हैं। रेवडी शब्द का अविष्कार भाजपा और मोदी जी ने किया है ताकि मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों में ये कभी संदेश नहीं जाएं कि सरकार को आपके ऊपर खर्च करना भी चाहिए। अब तक सरकारे क्या करती आई है। भाजपा की सरकार का अगर फॉर्मूला देखें तो वो दो चीज़ें कर सकती है। या तो वो बड़े-बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लोन माफ़ करती है और उनके ऊपर सारा पैसा न्योछावर कर सकती है। भाजपा चाहे तो यही पैसा मिडिल क्लास और गरीब तबके के ऊपर खर्च कर सकती है भाजपा की सरकार रेवडिया नहीं देती है वो रेवडिया के साथ साथ जलेबी भी देती है। आप देखिए पिछले पांच वर्षों में मोदी सरकार ने 10 लाख करोड के लोन माफ किए हैं। बड़े बड़े उद्योगपति पर कोई केस नहीं हुआ। भाजपा की सरकार ने अपने लाभ के लिए करोड़ों का लोन माफ़ कर दिया। 2019 में देश का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट ट्रेड टैक्स कट अमीरों को मिला जिसके कारण लगभग 1 लाख करोड़ हर साल हमारे बजट में लॉस होता है। ये पैसा कैसे निकालता है। आपने हर छोटी बड़ी वस्तुओं पर GST लगा दिया। इन सारी चीजों पर कभी पहले GST नही लगती थी। क्या यह पैसा जनता के ऊपर खर्च नहीं करना चाहिए। अब मैं आम आदमी पार्टी की सरकार के रेब्डी मॉडल की बात करता हु। हम जनता के पैसे को मुफ्त शिक्षा, शानदार शिक्षा, फ्री हेल्थ सेवा, मुफ़्त बिजली, मुफ़्त बस यात्रा पर खर्च कर रहे हैं। इससे गरीब और आम आदमी को महंगाई से राहत मिल रहीं हैं। इन सुविधाओं को देकर हम क्या गुनाह कर रहे हैं। हम दिल्ली सरकार के बजट का 40 प्रतिशत शिक्षा और स्वास्थ पर खर्च कर रहे हैं। पूरे देश में दिल्ली में एक मात्र ऐसी सरकार हैं जो अपने बजट का इतना प्रतिशत आम आदमी की जरूरतों पर खर्च करती है और फिर भी सरकार अपने बजट में मुनाफे और सरप्लस में है। अन्य राज्य की सरकारें ये सभी सुविधाएं भी नहीं दे रही हैं और घाटे के बजट में भी चल रही हैं।
आपकी सरकार ने एजुकेशन फ्री किया, हेल्थ फ्री किया लेकिन मुफ़्त में बिजली और मुफ्त में महिलाओं को बस यात्रा देना कितना उचित हैं।
जैस्मिन शाह: फ्री बिजली इसलिए मिलनी चाहिए क्योंकी हम मानते हैं की गरीब से गरीब व्यक्ति को एक बेसिक क्वालिटी ऑफ़ लाइफ और अपने जीवन को आत्मसम्मान से जीने का अधिकार है। इसलिए किसी भी सरकार को ये कुछ मूलभूत सुविधाये देना ज़रूरी है। यदि किसी को बिजली की सुविधा नहीं मिले तो उस व्यक्ति का गुजारा नहीं हो सकता। गरीब से गरीब व्यक्ति को पानी की आवश्यकता होती है। गरीबों के लिए हमने 200 यूनिट बिजली मुफ्त कर दी ताकि वो अपना जीवन अच्छे से व्यतीत करें। एक सामान्य परिवार के लिए इतना बिजली चाहिए ही। तो क्या गलत किया। बड़े बड़े नेताओं को 5000- 5000 यूनिट बिजली मुफ़्त में मिलती है। लेकिन उनसे कोई सवाल नहीं पूछे जाते कि 5000 यूनिट का वे क्या कर रहे हैं। गरीब को 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिल जाती है तो इनको पीड़ा हो जा रही हैं। रही बात महिलाओं को फ्री बस यात्रा की तो इस योजना से महिलाए आत्मनिर्भर बन रही हैं, घर से बाहर निकल रही है रोज़गार कर रही हैं। सरकार लगभग 400 करोड़ हर साल इस योजना पर खर्च करती है। भाजपा इतने सारे प्रोजेक्ट में हजारों करोड़ रुपए खा जाती है। तब कोई सवाल नहीं पूछता है। हमारा एक ही मकसद हैं कि गरीब से गरीब व्यक्ति, मिडिल क्लास व्यक्ति को एक बेसिक डिग्निटी ऑफ़ लाइफ होनी चाहिए। दूसरा इसके पीछे एक इकनोमिक सोच भी है, जिसका ज़िक्र मैंने अपने किताब में भी किया है। जब सरकारें माध्यम वर्गीय परिवार और गरीब तपके के लोगों को कुछ सुविधाएं देती है। तो उससे demand create होती है। एक गरीब 1000 रुपए बचाता हैं तो उसे bank में बचा के रखेगा नहीं तो अपने जरूरतों पर खर्च करेगा। जिससे डिमांड क्रिएट होती है और वही पैसा टैक्स के रूप में सरकार के पास आती हैं। दिल्ली में देश भर की तुलना में सबसे कम 2.5 प्रतिशत महंगाई दर है। आम आदमी पार्टी ने इस देश की राजनीती को बदला दिया है। आज अन्य राज्य की सरकारें हमारी योजनाओं को अपने राज्य में लागू कर रहे हैं।
अगर आदमी पार्टी चुनाव जीतती हैं तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा। ? अरविंद केजरीवाल पर तो सुप्रीम कोर्ट ने कई प्रकार की पाबंदी लगा रही हैं।
जैस्मिन शाह: देखिए ये तो हमारा चुनाव का स्लोगन ही बताता है। हमने पहले ही कह दिया कि फिर लाएंगे केजरिवाल। दिल्ली की जनता जानती है कि अरविन्द केजरिवाल जी को एक षड़यंत्र के तहत जेल भेजा गया। दिल्ली के विकास और प्रगति को रोकने की कोशिश की गई। दिल्ली की जनता चाहती हैं अरविंद केजरिवाल ही दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। आप सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ लीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहीं नहीं लिखा है कि अरविन्द केजरिवाल जी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते। ये सब बातें भाजपा द्वारा एक नैरेटिव फैलाने की कोशिश की गई है उनकी दुविधा आप समझिये उनके पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं है उनके पास अपना कोई विज़न नहीं हैं।
हाली ही में आपने अपनी किताब “द दिल्ली मॉडल: ए बोल्ड न्यू रोड मैप टू बिल्डिंग ए डेवलप्ड इंडिया” लॉन्च किया हैं। इसमें क्या विशेष है।
जैस्मिन शाह: दिल्ली सरकार के नीतियों को लेकर मैने उनके साथ सलाहकार के तौर पर वर्ष 2016 से काम किया हैं। मैंने पिछले 8 वर्षो की यात्रा में ये देखा कि कैसे आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने पिछले 10 वर्षों में दिल्ली के अंदर कितना काम किया हैं। दिल्ली सरकार ने जिस तरह से गवर्नेस किया है उसकी चर्चा इस किताब में मैने की हैं। हम इसको Delhi Model of Governance कहते हैं। मैने इस किताब में सरकार द्वारा की गई शिक्षा, सवास्थ्य , बिजली, पानी, ट्रांसपोर्ट और वायु प्रदुषण के क्षेत्र में 10 वर्षों में जो बदलाव लाया है उसकी चर्चा की है। दिल्ली में क्या क्या सुधार हुए है उसकी विस्तृत जानकारी दी गई है। आज दिल्ली देश में नंबर वन है, इसमें एक दृढ़ राजनेतिक इच्छा शक्ती हैं। ये सब एक शिक्षित नेतृत्व के चलते संभव हो पाया हैं। आम आदमी पार्टी में आप नेता देख लीजिए, मंत्री देख लीजिए सभी शिक्षित और अच्छे बैकराउंड से आते हैं, और हमने काफी एक्सपर्ट्स के साथ दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर ये सारे रिफॉर्म्स लागू किए है।
आपने 2015 में आम आदमी पार्टी क्यों जॉइन किया।
जैस्मिन शाह: 2015 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तब तक मैं एक इंटरनेशनल नॉन प्रॉफिट पॉलिसी थिंक टैंक के साथ काम करता था। 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनीं। मुझे याद है कि मनीष सिसोदिया ने अपने पहले बजट में एजुकेशन का बजट डबल कर दिया। यह बहुत अचंभित करने वाली बात थी। मै उनके साथ काम करने के लिए बहुत इच्छुक था। मैने मनीष सिसौदिया जी से मिलने के लिए इच्छा जताई। मैने उनके तत्कालीन सलाहकार आतिशी जी को मिलने के लिए एक email किया कि सरकारी स्कूलों के साथ कैसे बदलाव करने चाहिए हमने काम कर रखा है और हम ये आपसे शेयर करना चाहते हैं। उन्होंने मेरी मीटिंग मनीष सिसौदिया जी के साथ फिक्स की। पहली मीटिंग लगभग तीन घंटे तक चली। हमने दिल्ली के लगभव 1000 सरकारी school में बड़े बदलाव करने का निर्णय लिया। आप खुद सोचिए की 70 वर्षों में भाजपा या कांग्रेस एक भी राज्य बता दें, जहाँ पर इन्होने शानदार सरकारी स्कूल की सिस्टम बना दी नहीं, क्यूंकि ये केवल बोलने वाली बातें हैं। यहाँ पर एक दो मीटिंग में मुझे अंदाजा हो गया कि यहाँ पर कुछ अलग मामला है। एक साल बाद मैंने 2016 में पार्टी जॉइंट की। कुछ महीने बाद मनीष सिसोदिया जी ने मुझे कहा की आप हमारी टीम में आइए और सलाहकार के तौर पर कार्य करिए।
आप डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन दिल्ली (DDCD) के पूर्व वाइस चेयरमैन रह चुके हैं। इस पद पर रहते हुए आपने दिल्ली के विकास के लिए क्या क्या सुझाव दिए थे, जिसे दिल्ली सरकार ने लागू किया हैं।
जैस्मिन शाह: दिल्ली डाइलोग कमिशन के गठन का एक मात्र उद्देश्य था कि देश और दुनिया में गुड गवर्नेस को लेकर जो तमाम इनोवेशन्स हो रहे हैं उनमें से क्या क्या हम दिल्ली के विकास के लिए और बेहतर कर सकते हैं। विकास के लिए सरकार को सुझाव देना और रोड़मैप तैयार करना मेरी जिम्मेदारी थी। मैंने तकरीबन 6 वर्ष इसके लिए काम किया है। 2016-18 तक में मनीष सिसौदिया जी का सलाहकार रहा। वर्ष 2018 में मुझे डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन दिल्ली (DDCD) की जिम्मेदारी मिली। मै मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को रिपोर्ट करता था। सात वर्षों तक इन मुद्दों को लेकर मैने कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए और गहन शोध भी किया। वर्ष 2022 में मैंने एक किताब डीडीसी के सात वर्ष और 70 इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स नमक एक किताब भी लिखीं। सुझाव के लिस्ट बहुत लंबी हैं। जिनमें मुख्य तौर वातावरण प्रदुषण, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, शौर्य ऊर्जा नीति, करोना कॉल में ऑक्सीजन और लॉकडाउन के कारण रोजगार नीति की व्यवस्था आदि मामले में डीडीसी का बहुत बड़ा योगदान हैं। आप देखेंगे कि दिल्ली देश में आज इलेक्ट्रिक व्हीकल पंजीकरण और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के मामले में नंबर वन स्थान पर हैं। पूरे देश का 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन दिल्ली में हैं। सबसे ज्यादा तकरीबन 2000 इलेक्ट्रिक बसे दिल्ली में चल रही हैं। इस मामले में दिल्ली विश्व में तीसरे स्थान पर हैं। डीडीसी के सुझाव पर करोना कॉल में ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेशन पर सरकार ने युद्धस्तर प्रणकाम किया हैं। लॉकडाउन के बाद दिल्ली सरकार ने रोजगार बाजार नाम का एक वेबसाइट लॉन्च किया जिसके माध्यम से 10 लाख बेरोजगार लोगों को नौकरियां मिली। आम आदमी पार्टी की सरकार नए नए इनोवेशन के लिए जानी जाती हैं। डीटीसी बसों में महिलाओं के मुफ़्त यात्रा को लेकर लोग हस रहे थे कि डीटीसी बर्बाद हो जायेगी। आज सब लोग वाह वाह कर रहे हैं। अभी तक 10 राज्यों ने इसे अपने राज्य में महिलाओं के लिए लागू किया हैं। कुछ विश्वविद्यालय ने इसपर रियर्च भी किया और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मुफ्त बस यात्रा के कारण 25 प्रतिशत गरीब तबके की महिलाओं के रोज़गार में वृद्धि हुई है क्योंकि पहले यही महिलाएं घर से निकल नहीं पाती थी।
यदि आम आदमी पार्टी की के सरकार बनती हैं तो सरकार दिल्ली के विकास के लिए क्या क्या नया इनवेटिव कर सकती है।
जैस्मिन शाह: देखिये अरविंद केजरीवाल का विजन है कि दिल्ली को वह ग्लोबल राजधानी के तौर पर देखना चाहते हैं। दिल्ली के सड़कों को लेकर हमारा एक बड़ा विजन है जिसमें सड़कों की अत्याधुनिक डिजाइन और रोड इंजीनियरिंग शामिल और लोगों को पैदल चलने के लिए पेंवमेंट की व्यवस्था करनी हैं। इस योजना के तहत PWD दिल्ली में 1400 किलोमीटर की सड़क का कायाकल्प करेंगी। यमुना नदी की सफाई के साथ साथ 25% बाकी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पर काम करना है। 75% दिल्ली के सीवेज के पानी के ट्रीटमेंट का काम दिल्ली सरकार ने पूरा कर लिया है जिसका 45% 2015 तक यमुना नदी में में जाता था। दिल्ली को सिटी ऑफ लेक बनाना है, 50 छोटे बड़े तालाबों को हमने जीवित कर दिया है जो कभी पहले कभी कचड़े का डंपिंग केंद हुआ करता था। हमारा लक्ष्य 500 ऐसे अन्य तालाबों को जीवित करना हैं। अगले 10 वर्षों के अंदर दिल्ली में 100% इलेक्ट्रिक बसे चलाने का लक्ष्य है। 2030 तक दिल्ली में जितने कमर्शल वेहिकल्स होंगे जो एग्रिगेटर्स हैं जैसे की ओला, उबर, जोमैटो, स्विगी, सभी एक पॉलिसी के तहत 100% एलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य हैं।
आप बता रहे हैं कि 2025 तक 8000 इलेक्ट्रिक बसे दिल्ली में चलने लगेगी लेकिन अभी भी दिल्ली इस बसों को चलाने के लिए बस डिपो तैयार नहीं हुए है। बस बन कर तैयार है पर डिपो नहीं बनने के कारण बसों को डिलीवरी नहीं हो रही है।
जैस्मिन शाह: दिल्ली सरकार ने 8000 बसों का ऑर्डर दे दिया हैं। जैसे जैसे बस डिपो बनकर तैयार हो रही है नई बसे भी आ रही है। बस डिपो तैयार करने के लिए बिजली की हाइ टेंशन लाइन डालनी पड़ती है। दिल्ली सरकार ने 70 बस डिपो बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपए इसलिए खर्च की है। 70 से 80 प्रतिशत बस डिपो बनकर तैयार हो चुके है। बाकी अगले 6 महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे। दिसम्बर 2025 तक यह कम पूरा हो जायेगा और सभी बसे दिल्ली में चलने लगेंगी।
दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली के बसों में बस मार्शल की तैनाती की थीं। दिल्ली के उप राज्यपाल ने इस योजना को बंद कर दिया। बहुत लोग बेरोजगार भी हुए। यदि सरकार बनती हैं तो आप फिर इसे किसी दूसरे तरह से लागू करेंगे।
जैस्मिन शाह: दिल्ली सरकार की मार्शल स्कीम को बहुत ही पॉपुलर स्कीम थी। महिलाओं ने इसका जमकर स्वागत किया था। पहली बार किसी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स यानी मार्शल की तैनाती की थी। चुनाव से पहले LG साहब और बीजेपी ने एक षड्यंत्र के तहत आठ वर्ष बाद इस योजना में गड़बड़ी बताकर बंद कर दिया ताकि लोग बेरोजगार हो और सरकार की बदनामी हो। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर उप राज्यपाल से कई बार बातचीत की हैं। मुझे उम्मीद हैं कि चुनाव के बाद दिल्ली के उप राज्यपाल इसपर विचार करेंगे। बस मार्शल्स है अच्छा काम कर रहे थे और सरकार ने हमेशा उनका साथ दिया है। उनकी नियुक्ति के लिए सरकार प्रयास करेगा।
आप क्या उम्मीद कर रहे हैं, इस बात 70 सीटों पर आम आदमी पार्टी कितनी सीटे जीत रही हैं।
जैस्मिन शाह: मैं कभी भी, भविष्यवाणी में विश्वास नहीं करता, मुझे ऐसा लग रहा हैं जैसा कि मैं जमीनी स्तर पर जा रहा हूं। जनता से बात कर रहा हूं। सभी ने बताया कि अरविन्द केजरीवाल ने अच्छा काम किया हैं। हर व्यक्ति यही कह रहा है कि शिक्षा, स्वास्थ, मुफ्त बिजली, पानी, आदि सभी सुविधाएं इस सरकार में उन्हें मिल रही हैं। मैं नंबर तो नहीं बोलूंगा। कुछ सीटों को छोड़ दे तो लगभव हम हर जगह जीत रहे हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार पूर्ण बहुमत से वापस आ रही है। क्योंकि जनता को पता है कि वास्तव में अगर कोई पार्टी उनके लिए सोच रही है तो वो आम आदमी पार्टी ही है। बांकी सारी पार्टियां केवल और केवल राजनीती कर रही है और लोगों को भटकाने की कोशिश कर रही है
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