Delhi Crime: शाहदरा साइबर पुलिस ने डेटिंग ऐप के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया, दो गिरफ्तार

Delhi Crime: शाहदरा साइबर पुलिस ने डेटिंग ऐप के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया, दो गिरफ्तार
रिपोर्ट: रवि डालमिया
दिल्ली के शाहदरा जिले की साइबर पुलिस ने एक ऐसे शातिर साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी डेटिंग प्रोफाइल बनाकर लोगों को जाल में फंसाता था और फिर वीडियो कॉल के जरिए उनकी आपत्तिजनक रिकॉर्डिंग कर ब्लैकमेल करता था। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से चार मोबाइल फोन व तीन सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लोगों की भावनाओं और कमजोरियों का फायदा उठाकर मोटी रकम ऐंठ रहा था।
इस पूरे मामले की जानकारी एडिशनल डीसीपी दीपेंद्र कुमार सिंह ने साझा की। उन्होंने बताया कि मामला 12 जून को दर्ज हुआ, जब एक पीड़ित ने शिकायत की कि उसने एक डेटिंग ऐप पर ‘नंदिनी’ नामक महिला से संपर्क किया। धीरे-धीरे बातचीत व्हाट्सएप पर शिफ्ट हो गई और वीडियो कॉल शुरू हुई। इसी दौरान महिला ने वीडियो कॉल रिकॉर्ड कर ली और बाद में उसे वायरल करने की धमकी देकर 35,000 रुपये वसूल लिए। जब गिरोह ने और पैसे की मांग की तो पीड़ित ने होशियारी दिखाते हुए साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कराई।
शिकायत मिलते ही शाहदरा साइबर थाने की टीम गठित की गई, जिसमें एसआई श्वेता शर्मा, एएसआई राजदीप, हेड कांस्टेबल जावेद, विकास और कांस्टेबल रणजीत शामिल थे। टीम का नेतृत्व एसएचओ विजय कुमार कर रहे थे और पूरे अभियान की निगरानी एसीपी गुरदेव सिंह कर रहे थे।
जांच में सामने आया कि ठगी की रकम बंदन बैंक के जिस खाते में ट्रांसफर की गई थी, वह खाता मंगल सिंह नाम के व्यक्ति के नाम पर था, लेकिन उसे ऑपरेट श्याम सिंह कर रहा था। मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के माध्यम से गहराई से की गई छानबीन में यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह कई ऑनलाइन बैंक खाते खुलवाकर उनका इस्तेमाल ठगी में करता था।
तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने सबसे पहले मंगल सिंह को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि श्याम सिंह ने उसे 10 हजार रुपये का लालच देकर उसका बैंक खाता, एटीएम और सिम कार्ड अपने कब्जे में ले लिए थे। इसके बदले में मंगल सिंह को छह हजार रुपये ऑनलाइन और चार हजार रुपये नकद दिए गए। इसके बाद पुलिस ने श्याम सिंह को भी धर दबोचा।
एडिशनल डीसीपी दीपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यह गिरोह बेहद सुनियोजित तरीके से काम करता था। आरोपी लोगों की निजी भावनाओं और बातचीत को रिकॉर्ड कर उन्हें शर्मिंदा करने और ब्लैकमेल करने की रणनीति अपनाते थे। उन्होंने कहा कि आरोपी श्याम सिंह अलग-अलग लोगों से पैसे देकर उनके नाम पर बैंक खाते और सिम कार्ड मंगवाता था और फिर उनका इस्तेमाल साइबर अपराध में करता था।
पुलिस का मानना है कि इस गिरोह से जुड़े और भी लोग सक्रिय हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं। साथ ही आम लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से वीडियो कॉल न करें, न ही अपनी निजी जानकारी साझा करें और किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में तत्काल साइबर पुलिस से संपर्क करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
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