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Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ गिरोह का भंडाफोड़ किया, तीन आरोपी गिरफ्तार

Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ गिरोह का भंडाफोड़ किया, तीन आरोपी गिरफ्तार

रिपोर्ट: हेमंत कुमार

दिल्ली पुलिस ने तीन लोगों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बेहद शातिर तरीके से लोगों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर ठगी का शिकार बना रहे थे। इस गिरोह ने एक महिला को अपने जाल में फंसाकर उससे एक लाख रुपये से ज्यादा की रकम ऐंठ ली। आउटर दिल्ली साइबर पुलिस को इस मामले में शिकायत मिली थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

महिला ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि 19 दिसंबर को उसके पास एक फोन कॉल आया, जिसमें आरोपी ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताया। उसने दावा किया कि महिला के फोन नंबर का इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए किया गया है, इसलिए उसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ किया जा रहा है। महिला को लगभग आधे घंटे तक कॉल पर रखा गया और डराने-धमकाने की रणनीति अपनाई गई। घबराई हुई महिला से इस दौरान एक लाख रुपये से अधिक की रकम ठग ली गई।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि आमतौर पर ऐसे मामलों में ठग मनी ट्रेल को छिपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार पुलिस ने मनी ट्रेल के साथ-साथ आरोपियों तक पहुंचने की रणनीति अपनाई। सबसे पहले उस नंबर का पता लगाया गया, जिससे पीड़िता को कॉल की गई थी। सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करने पर खुलासा हुआ कि ठगों ने ‘Grace of Glory’ नामक एक फर्जी ट्रस्ट के जरिए SIP (Session Initiation Protocol) लिया था। SIP टेक्नोलॉजी की मदद से आरोपी एक साथ कई लोगों को कॉल कर सकते थे और इसी के जरिए अंतरराष्ट्रीय ठग नेटवर्क से संपर्क में थे।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे ठगी नेटवर्क को लाओस, कंबोडिया और कनाडा से संचालित किया जा रहा था। गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनकी पहचान अजयदीप, अभिषेक श्रीवास्तव और आशुतोष बोरा के रूप में हुई है। अजयदीप ने MBA किया हुआ है और उसे लखनऊ से पकड़ा गया। अभिषेक श्रीवास्तव सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ है और पहले CCTV इंस्टॉलेशन का काम करता था, उसे हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। गिरोह का मास्टरमाइंड आशुतोष बोरा फिलहाल LLB कर रहा था और उसे गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने इस गिरोह के पास से ‘डिजिटल अरेस्ट’ के लिए इस्तेमाल किए गए सभी उपकरण बरामद किए हैं, जिनमें SIP कॉलिंग सिस्टम और 1000 से अधिक फर्जी नंबर शामिल हैं। फिलहाल, पुलिस इस गिरोह से जुड़े दो और लोगों की तलाश कर रही है, जिनकी पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि आरोपियों ने इतनी बड़ी संख्या में SIP नंबर कहां से और कैसे हासिल किए।

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