Delhi: दिल्ली में फिर जानलेवा साबित हुआ चाइनीज मांझा, शास्त्री पार्क फ्लाईओवर पर बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल

Delhi: दिल्ली में फिर जानलेवा साबित हुआ चाइनीज मांझा, शास्त्री पार्क फ्लाईओवर पर बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल
रिपोर्ट: रवि डालमिया
दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट और राज्य सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझा लोगों की जान के लिए खतरा बना हुआ है। ताजा मामला उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क फ्लाईओवर का है, जहां चाइनीज मांझे की चपेट में आकर एक बाइक सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्रतिबंध के बावजूद खतरनाक मांझा खुलेआम बिक रहा है और इसका प्रयोग जारी है।
घायल युवक की पहचान राज के रूप में हुई है, जो अपने भाई कुलदीप के साथ किसी कार्य से बाइक पर निकला था। राज बाइक चला रहा था और कुलदीप पीछे बैठे थे। जब वे शास्त्री पार्क फ्लाईओवर पर पहुंचे, तभी अचानक चाइनीज मांझा उनके गले में फंस गया। मांझा इतनी तेजी से लिपटा कि राज के गले में गहरा कट लग गया और चेहरा भी जगह-जगह से जख्मी हो गया। राज ने हेलमेट नहीं पहना हुआ था, जिस कारण मांझा सीधे उनके चेहरे से टकराया और गंभीर चोटें आईं।
घटना के बाद कुलदीप ने राज को तुरंत नजदीकी जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने राज के चेहरे पर कई टांके लगाए। फिलहाल राज की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन घटना से परिवार में गहरा आक्रोश है। कुलदीप ने प्रशासन से सवाल किया कि जब सरकार ने चाइनीज मांझा पूरी तरह बैन कर दिया है तो यह बाजारों में उपलब्ध कैसे है। उन्होंने सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि जब तक नियमित रूप से छापेमारी नहीं होगी और सख्त सज़ा नहीं दी जाएगी, तब तक यह सिलसिला थमेगा नहीं।
चाइनीज मांझा नायलॉन और मेटल की मिश्रित परतों से बना होता है जो सामान्य मांझे की तुलना में अधिक तीखा और मजबूत होता है। यह केवल इंसानों के लिए ही नहीं, पक्षियों के लिए भी जानलेवा साबित हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा चुका है और दिल्ली सरकार ने भी इसकी बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाई है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि यह मांझा अब भी चोरी-छिपे दुकानों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और गलियों में बिक रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल हादसे के बाद सक्रिय होता है। साल में एक या दो बार अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन यह सिलसिला तब तक नहीं रुकेगा जब तक पूरे साल सतत निगरानी और कड़ी कार्रवाई न की जाए। बाजारों में छापेमारी, मांझे की ऑनलाइन बिक्री पर नियंत्रण और लोगों में जनजागरूकता अभियान बेहद जरूरी हो गया है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रशासन की ढिलाई की कीमत आम नागरिकों को अपनी जान और स्वास्थ्य से चुकानी पड़ रही है। जब तक जिम्मेदार एजेंसियां अपनी भूमिका को गंभीरता से नहीं निभाएंगी, तब तक चाइनीज मांझा दिल्ली की सड़कों और आसमान में खतरा बना रहेगा।
>>>>>>>>>
‘कोटा फैक्ट्री’ सीजन 3: जितेंद्र कुमार की दमदार ड्रामा नेटफ्लिक्स पर आएगी, रिलीज डेट सामने आई