Delhi: दिल्ली में पहला ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का शिलान्यास, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने रखी आधारशिला

Delhi: दिल्ली में पहला ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का शिलान्यास, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने रखी आधारशिला
रिपोर्ट: रवि डालमिया
दिल्ली के नंद नगरी डिपो परिसर में आज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के पहले ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) का शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह भी मौजूद रहे। यह एटीएस स्टेशन पूरी तरह मशीनों के माध्यम से काम करेगा और दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण, वाहन सुरक्षा और तकनीकी निरीक्षण को एक नई दिशा देगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि यह दिल्ली का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जो मशीनों द्वारा कमर्शियल वाहनों की जांच करेगा, जो मैनुअल प्रक्रिया से कहीं अधिक तेज और सटीक होगा। उन्होंने कहा, “पिछली सरकार सिर्फ एफिडेविट देकर पॉल्यूशन कंट्रोल का दावा करती रही, लेकिन असल में न तो पॉल्यूशन कम हुआ और न ही ठोस व्यवस्था की गई। गाड़ियों को स्क्रैप करने की एजेंसियां लगाईं गईं, 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को खत्म कर दिया गया, लेकिन क्या इससे वायु प्रदूषण रुका? अगर नहीं, तो अब तक एटीएस क्यों नहीं खोले गए?”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मिशन मोड पर काम कर रही है। “देवी बसें शुरू की गईं, ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन खोलने का काम किया जा रहा है, 1000 वॉटर स्प्रिंकलर लगाने की योजना बनाई गई है, सड़कों के गड्ढे भरने का कार्य किया गया है — यह सभी पहलें पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए हैं,” उन्होंने कहा।
रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि पॉल्यूशन से निपटने के लिए केवल नियम नहीं, टेक्नोलॉजी के साथ रणनीति भी जरूरी है। “अब काम टेक्नीशियन की समझ के अनुसार होना चाहिए कि किस तरह दिल्ली में प्रदूषण को वैज्ञानिक तरीकों से कम किया जाए। हमारी सरकार ‘सेव ड्राइव’ जैसे अभियानों के जरिए इस दिशा में लगातार काम कर रही है,” उन्होंने जोड़ा। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब पिछली सरकार ने सत्ता छोड़ी, तब डीटीसी के खाते में ₹65,000 करोड़ छोड़े गए थे, लेकिन उस पूंजी का सही उपयोग नहीं किया गया।
इस अवसर पर दिल्ली के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने भी कहा, “यह एटीएस नंद नगरी, बुराड़ी और खजूरी जैसे क्षेत्रों के लोगों के लिए बड़ी सुविधा लाएगा। पहले इन क्षेत्रों के लोगों को लंबी दूरी तय करके गाड़ियों की जांच करवानी पड़ती थी, अब यह सुविधा उनके पास आ गई है। यहां टू-व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल दोनों की जांच होगी। यह स्टेशन ब्रेक, सस्पेंशन और इंजन से लेकर पर्यावरण अनुकूलता तक की पूरी तकनीकी जांच करेगा।” परिवहन मंत्री ने बताया कि यह ऑटोमेटेड स्टेशन भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है, जहां कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा, और प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी।
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