Chhorii 2 Movie Review: हॉरर के मैदान में सोहा अली खान की दमदार वापसी, नुसरत भरूचा ने भी बांधा समां
अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई 'छोरी 2' में सोहा अली खान की दमदार वापसी और नुसरत भरूचा का प्रभावशाली अभिनय देखने को मिला। पढ़ें फिल्म का पूरा रिव्यू और जानें क्यों यह हॉरर फिल्म अधूरी लगती है।

Chhorii 2 Movie Review: अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई ‘छोरी 2’ में सोहा अली खान की दमदार वापसी और नुसरत भरूचा का प्रभावशाली अभिनय देखने को मिला। पढ़ें फिल्म का पूरा रिव्यू और जानें क्यों यह हॉरर फिल्म अधूरी लगती है।
Chhorii 2 Movie Review: एक डर और दर्द से लिपटी कहानी
अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई फिल्म ‘छोरी 2’ एक बार फिर ग्रामीण भारत की उन परतों को उधेड़ने की कोशिश करती है, जिन्हें मुख्यधारा सिनेमा अक्सर नजरअंदाज कर देता है। निर्देशक विशाल फुरिया की यह फिल्म न केवल डराती है, बल्कि समाज में व्याप्त बुराइयों की ओर भी इशारा करती है।
Chhorii 2 Movie Review: दमदार वापस, सोहा अली खान का प्रभाव
इस फिल्म में सोहा अली खान ने अपने किरदार के ज़रिए भय का जो माहौल रचा है, वह काबिल-ए-तारीफ है। वह एक ऐसी शक्ति का किरदार निभाती हैं जो बैठकर भी पूरे घटनाक्रम को नियंत्रित कर सकती है। उनका अभिनय दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देता है।
Chhorii 2 Movie Review: कहानी की नायिका, नुसरत भरूचा
फिल्म की मुख्य भूमिका में नुसरत भरूचा हैं, जो अपनी बेटी ईशानी (हार्दिका शर्मा) के साथ नई जिंदगी की तलाश में भूतपूर्व अतीत से लड़ रही हैं। दोनों का अभिनय प्रभावशाली है और क्लाइमेक्स में नुसरत की परफॉर्मेंस वाकई तालियों के लायक है।
कमजोर कड़ियां: पटकथा और तकनीकी सीमाएं
Chhorii 2 Movie Review: भटकती पटकथा
जहां एक ओर फिल्म की शुरुआत उत्साहजनक है, वहीं मध्य भाग में यह बोझिल और दोहराव भरी लगने लगती है। सुरंगों का प्रयोग और बार-बार खो जाने वाले दृश्य दर्शकों की धैर्य की परीक्षा लेने लगते हैं।
बैकग्राउंड स्कोर में कमी
हॉरर फिल्म के लिए जरूरी बैकग्राउंड म्यूजिक असरदार नहीं बन पाया। ग्रामीण पृष्ठभूमि में लोकसंगीत का अभाव खलता है। कैमरा वर्क भले ही मजबूत रहा, लेकिन कहानी में वह पकड़ नहीं बन पाई जो लंबे समय तक दर्शकों को जोड़े रखे।
Chhorii 2 Movie Review: सामाजिक मुद्दों की परत
फिल्म उन ज्वलंत मुद्दों को छूती है जिनपर आज भी बात करना जरूरी है — जैसे बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या और आदिवासी इलाकों की दुर्दशा। ईशानी के किरदार के माध्यम से ‘बच्चियों को दवा से बड़ा करना’ जैसे मुद्दे को चित्रित किया गया है, जो दिल को झकझोरता है।
Chhorii 2 Movie Review: अधूरा डर, अधूरी बात
‘छोरी 2’ में निर्देशक विशाल फुरिया ने एक बार फिर सामाजिक हॉरर का मार्ग चुना है, लेकिन इस बार वह अपने ही बुने जाल में उलझते दिखते हैं। सोहा और नुसरत का अभिनय फिल्म को बचा लेता है, लेकिन कमजोर पटकथा और तकनीकी खामियों के कारण यह फिल्म एक अधूरी कोशिश बनकर रह जाती है।
रेटिंग: 2/5