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Chandigarh: हरियाणा सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास को उड़ाने की धमकी, चंडीगढ़ में हाई अलर्ट

Chandigarh: हरियाणा सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास को उड़ाने की धमकी, चंडीगढ़ में हाई अलर्ट

हरियाणा में उस वक्त हड़कंप मच गया जब राज्य सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिला। यह ईमेल बेहद खतरनाक शब्दों में लिखा गया था, जिसमें फिदायीन हमले की बात भी कही गई थी। जैसे ही यह मेल अधिकारियों तक पहुंचा, प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल प्रभाव से सतर्कता बरतते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। चंडीगढ़ पुलिस ने बिना कोई समय गंवाए हरियाणा सचिवालय परिसर को खाली करवाया और पूरे इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया। बम निरोधक दस्ते को मौके पर तैनात कर दिया गया, जिसने पूरे सचिवालय परिसर और मुख्यमंत्री आवास की गहन जांच की। सुरक्षा बलों ने इमारत के हर कोने में तलाशी अभियान चलाया ताकि कोई संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक सामग्री न छूट जाए।

प्राथमिक जांच के अनुसार, धमकी देने वाला ईमेल किसी अज्ञात स्रोत से आया है, जो सीधे तौर पर मुख्यमंत्री आवास और सचिवालय को निशाना बना रहा है। ईमेल में यह स्पष्ट लिखा गया था कि बम धमाका फिदायीन हमले के माध्यम से किया जाएगा। इस सूचना के मिलते ही मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है। हर आने-जाने वाले व्यक्ति की गहन तलाशी ली जा रही है और पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार, धमकी की जांच के लिए साइबर सेल को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। साइबर एक्सपर्ट्स मेल भेजने वाले की पहचान करने में जुटे हैं। ईमेल के सर्वर, आईपी एड्रेस और डिजिटल संकेतों को खंगाला जा रहा है ताकि जल्द से जल्द यह पता लगाया जा सके कि यह मेल कहां से और किसने भेजा है।

इस धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां पहले से ज्यादा चौकन्नी हो गई हैं क्योंकि कुछ सप्ताह पहले ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को भी इसी तरह की धमकी मिली थी। यह घटनाक्रम इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि कोई शरारती तत्व या आतंकी संगठन किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है। इन सभी घटनाओं को एक साथ जोड़कर देखा जा रहा है और विभिन्न खुफिया एजेंसियां इसकी जाँच में जुट गई हैं। फिलहाल पुलिस ने सचिवालय और मुख्यमंत्री आवास के आसपास के इलाकों को भी सील कर दिया है और आम नागरिकों की आवाजाही पर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें सभी प्रमुख अधिकारियों को शामिल किया गया है।

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ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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