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ब्याज में मिलने वाली राशि से गांवों का विकास होगा

ब्याज में मिलने वाली राशि से गांवों का विकास होगा

अमर सैनी

नोएडा। ग्रेनो प्राधिकरण ने गांवों के विकास के लिए 500 और गोशाला के लिए 200 करोड़ की एफडी कराई है। इससे मिलने वाले ब्याज के पैसों को गांवों में विकास कार्य और गोशाला के संचालन पर खर्च किए जाएंगे। वहीं आवासीय, व्यावसायिक और संस्थागत परियोजनाओं से कमाई होने पर एफडी की राशि बढ़ाई भी जा सकती है।

प्राधिकरण के अंतर्गत 124 से अधिक गांव आते हैं। यहां बिजली, पानी, नाली, साफ सफाई सहित सभी मूलभूत सुविधाओं पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। जलपुरा गांव के पास गोशाला का संचालन किया जा रहा है। यहां मौजूदा समय में लगभग 2600 गोवंश हैं। कई बार ऐसा हुआ है कि बजट के अभाव में गांवों का विकास नहीं हो पाया। इसके अलावा गोवंश के चारे का भी संकट पैदा हो चुका है। ऐसी स्थिति में सामाजिक संगठनों की मदद लेनी पड़ जाती है। भविष्य में इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी ने दोनों मदों के लिए अलग- अलग कुल 700 करोड़ रुपये की फिक्स डिपोजिट (एफडी) कराई है। इस पर मिलने वाले ब्याज से हर माह 3.25 करोड़ रुपये से गांवों में विकास के कार्य और 1.30 करोड़ रुपये से गोवंश के लिए चारा, भूसा और अन्य खर्च उठाए जा सकते हैं। प्राधिकरण के मुताबिक 7.5 फीसदी की दर पर एफडी की गई है। ऐसे में ब्याज के रूप दोनों मदों मे प्रतिमाह लगभग 4.55 करोड़ रुपये की कमाई होगी।

गोबर से उत्पाद बनाकर कमाई की जाएगी

प्राधिकरण की ओर से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के जलपुरा गांव में संचालित की जा रही गोशाला में प्रतिदिन भारी मात्रा में गोबर उत्सर्जित होता है। इससे उत्पाद बनाकर कमाई करने की तैयारी चल रही है। इच्छुक संस्था या एनजीओ लाभ का कितना हिस्सा प्राधिकरण को देगी, इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया गया है। प्लांट लगाने के लिए गोशाला के पास ही 2.40 हेक्टेयर जमीन लीज पर दिया जाना प्रस्तावित है। इससे गोशाला के संचालन में बड़ा सहयोग मिल जाएगा। यह काम करने के लिए इच्छुक संस्थाएं 22 जुलाई तक आवेदन कर सकती है।

कोट

प्राधिकरण को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गांवों के विकास और गोशाला के लिए कुल 700 करोड़ रुपये की एफडी करा दी गई है। इस पर मिलने वाले ब्याज को खर्च किया जाएगा। अन्य मदों के लिए भी यह व्यवस्था की जाएगी। इससे विकास के कार्यों में पैसे की कमी नहीं आएगी। गोशाला का संचालन आसानी से किया जा सकेगा।

रवि कुमार एनजी, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

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