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Gujarat: गुजरात में अवैध रूप से रह रहे 6500 बांग्लादेशियों पर चला बुलडोजर, चंदोला लेक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू

Gujarat: गुजरात में अवैध रूप से रह रहे 6500 बांग्लादेशियों पर चला बुलडोजर, चंदोला लेक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू

देश की सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के निर्देश पर गुजरात में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ बड़ा और निर्णायक अभियान शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र ने राज्य सरकारों को सतर्क रहने और संभावित सुरक्षा खतरों को समय रहते नियंत्रित करने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में अहमदाबाद के चंदोला लेक क्षेत्र में सोमवार सुबह से अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के अतिक्रमण पर बुलडोजर चलना शुरू हो गया है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, गुजरात में अभी तक करीब 6500 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से बड़ी संख्या अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे प्रमुख शहरों में रह रही थी। इन लोगों ने वर्षों से झुग्गी-झोपड़ियों और अस्थायी कॉलोनियों के रूप में कब्जा जमा रखा था, जिससे न केवल नगर विकास प्रभावित हो रहा था, बल्कि कई क्षेत्रों में अपराध और अवैध गतिविधियों में भी वृद्धि देखी गई थी।

चंदोला लेक क्षेत्र में चला यह बुलडोजर अभियान गुजरात में अब तक की सबसे बड़ी अतिक्रमण हटाओ कार्रवाइयों में से एक माना जा रहा है। इस अभियान में जिला प्रशासन की ओर से 100 ट्रकों, 50 बुलडोजरों और करीब 3000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या प्रतिरोध को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 1.25 लाख स्क्वायर मीटर क्षेत्र में फैली अवैध बस्तियों को एक-एक कर चिन्हित किया गया है और योजनाबद्ध ढंग से ध्वस्त किया जा रहा है।

कार्यवाही के दौरान भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अवैध झुग्गियों को गिराया गया। कुछ स्थानों पर अस्थायी विरोध के प्रयास भी देखे गए, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने संयम और सख्ती दोनों का संतुलन रखते हुए स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखा। प्रशासन का कहना है कि इन बस्तियों में रहने वाले लोग बिना वैध पहचान पत्रों और दस्तावेजों के वर्षों से रह रहे थे, और इनकी गतिविधियों को लेकर खुफिया एजेंसियों को भी लंबे समय से सतर्क किया गया था।

इस अभियान के माध्यम से सरकार एक सख्त संदेश देना चाहती है कि भारत में अवैध प्रवासियों के लिए कोई स्थान नहीं है, खासकर तब जब राष्ट्रीय सुरक्षा दांव पर हो। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल गैर-कानूनी रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ है, और जिनके पास वैध दस्तावेज हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।

इस बीच, मानवाधिकार संगठनों की ओर से भी निगरानी की जा रही है कि इस अभियान में कोई मानवीय अधिकारों का उल्लंघन न हो। हालांकि, प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया और अदालत के निर्देशों के तहत की जा रही है।

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