भारतीय किसान यूनियन ने नोएडा प्राधिकरण पर किया प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन ने नोएडा प्राधिकरण पर किया प्रदर्शन

अमर सैनी
नोएडा। मांगों को लेकर सोमवार दोपहर को किसानों ने प्राधिकरण का घेराव किया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) समूह ने प्राधिकरण के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इससे पहले गोलचक्कर से होते हुए किसानों का काफिला प्रदर्शन करते प्राधिकरण पहुंचा। यहां प्राधिकरण के सामने की सड़क को बैरीकेट कर बंद कर दिया था। इसके बाद वहीं पंडाल लगाकर किसान धरने पर बैठ गए। मौके पर आला पुलिस अधिकारी पहुंचे बातचीत कर दौर शुरू किया गया। किसानों की मांग है कि वो सीईओ नोएडा प्राधिकरण से ही बातचीत करेंगे।
नोएडा में किसानों की मांग को लेकर एक हाइपावर कमेटी बनी है। जिसकी बैठक हो चुकी है और अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपेंगे। लेकिन अब तक किसानों को इससे अवगत नहीं कराया गया और न ही किसानों को बैठक के मिनट्स दिए गए। इसलिए किसानों को नहीं पता कि उनकी मांगों पर प्राधिकरण और शासन स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही है। इससे आक्रोशित किसानों ने जून में ही ऐलान कर दिया था कि वह प्राधिकरण के दफ्तर का घेराव करेंगे और यहां प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए किसानों ने गांवों में जाकर जन जागरण अभियान चलाया।मौके पर किसानों की संख्या को देखते हुए पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग करके किसानों को रोक दिया। प्राधिकरण ने मुख्य दरवाजा तक बंद कर दिया। इसके बाद किसान वहीं सड़क पर बैठ गए और जमकर प्रदर्शन किया। किसानों ने स्पष्ट कहा कि वो प्राधिकरण के सीईओ से बातचीत करेंगे और मांगों का पूरा ब्योरा लेंगे इसके बाद ही आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। इस दौरान किसान नेताओं की ओर से भाषण दिए जाते रहे।
क्या है किसानों की मांग इसे समझे
किसानों की आबादी जहां है जैसी हैं छोड़ी जाए जब तक आबादी निस्तारण न हो जाए ध्वस्तीकरण तुरंत रोका जाए। ग्रामीण आबादी नियमावली में संशोधन करते हुए 450 वर्ग मीटर के स्थान पर 1000 वर्ग मीटर किया जाए। जिससे सभी किसानों की आबादी की समस्या समाप्त हो जाए। 64.7 बढ़ा हुआ अतिरिक्त मुआवजा एवं 10% आवासीय भूखंड कोई कोर्ट गया या नहीं गया सभी किसानों को दिया जाए। जिसे किसानों की चली आ रही मांगों का निपटारा हो जाए। 1976 से 1997 के किसानों के लिए लाई गई स्कीम 2011 में ड्रा मे शेष बचे सभी किसानों को स्कीम लाकर एक मुश्त प्लॉट का लाभ दिया जाए । भूमि अधिग्रहण पर चल रहे पी पी एक्ट के मुकदमा को तत्काल वापस लिया जाए। प्राधिकरण की नौकरी में क्षेत्रीय किसानों के बच्चों की शैक्षिक योग्यता के आधार नौकरियों में आरक्षण दिया जाए प्राधिकरण द्वारा आवंटित स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों, एवं औद्योगिक क्षेत्र में आवंटन की शर्त के अनुसार किसानों को सुविधा एम रोजगार सुनिश्चित किया जाए। औद्योगिक व्यवसायिक संस्थान में छोटे-छोटे भूखंड एवं डेयरी फार्म योजना निकालकर किसानों को प्राथमिकता के आधार पर भूखंड दिलाया जाए।गांव की आबादी में दर्ज नोएडा प्राधिकरण को तुरंत हटाया जाए।
गावों के साथ सौतेला व्यवहार न करते हुए सेक्टर की तर्ज पर विकास किया जाए एवं उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रखा जाए।