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बच्चों की जान जोखिम में डालकर दौड़ती पकड़ी गईं स्कूलों की 89 बसें

बच्चों की जान जोखिम में डालकर दौड़ती पकड़ी गईं स्कूलों की 89 बसें

अमर सैनी

नोएडा। साहिबाबाद के कौशांबी थाने के पास गुरुवार सुबह हुए निजी स्कूल बस हादसे के बाद भी जिले के बस संचालकों ने कोई सीख नहीं ली है। गुरुवार दोपहर परिवहन विभाग की ओर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में चलाए गए निरीक्षण अभियान में दो स्कूली बसों में अग्निशमन उपकरण मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। विभाग के मुताबिक पिछले सात माह में बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी 89 स्कूली बसों में मानकों का उल्लंघन पाया गया है।

एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि जिले में अनुबंधित समेत कुल 2049 स्कूली बसें हैं। परिवहन विभाग में पंजीकृत स्कूली बसों की संख्या 1892 है। उन्होंने बताया कि गुरुवार दोपहर निरीक्षण अभियान चलाया गया। इसमें 13 स्कूली बसों की जांच की गई। इनमें से दो स्कूली बसों में अग्निशमन उपकरणों से संबंधित कमियां पाई गईं। मानक के अनुसार 20 से अधिक सीटों वाली बस में ढाई-ढाई किलो के दो अग्निशमन यंत्र होने चाहिए, लेकिन बस में सिर्फ एक ही अग्निशमन यंत्र रखा था। ढाई किलो का एक सिलेंडर आगे व दूसरा पीछे रखना चाहिए, ताकि आग लगने पर उसे बुझाया जा सके। आग बुझाने के लिए एक सिलेंडर पर्याप्त नहीं है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से 31 अक्तूबर तक 1892 स्कूल बसों की जांच की गई। इनमें से 89 बसें मानक के अनुरूप नहीं पाई गईं। इनमें मुख्य कमियां बसों की खिड़कियों में ग्रिल की कम संख्या, अग्निशमन यंत्रों का अपडेट न होना और बच्चों के लिए सीट बेल्ट का न होना थीं। इनमें से 15 बसों में अग्निशमन यंत्रों से संबंधित कमियां थीं। इसमें अग्निशमन यंत्रों की कम संख्या और एक्सपायरी डेट का न होना शामिल था। छह बसों में क्षमता से अधिक बच्चे बैठे थे। ऐसे में बस दुर्घटनाग्रस्त हो सकती थी। 39 स्कूल बसों को फिटनेस और परमिट न होने के कारण बंद कर दिया गया। सभी बसों का चालान किया गया। उन्होंने बताया कि स्कूली वाहनों की जांच का अभियान जारी रहेगा। यदि कोई कमी पाई गई तो वाहनों को सीज कर चालान की कार्रवाई की जाएगी।

फिटनेस न होने पर 27 स्कूली बसें ब्लैक लिस्टेड

परिवहन विभाग के अनुसार जिले में पंजीकृत 1892 बसों में से 27 बसों की फिटनेस जांच नहीं कराई गई थी। इन बसों में सफर करना बच्चों की जान के लिए जोखिम भरा साबित हो सकता है। इन बसों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। यदि ये बसें चलती पाई गईं तो इन्हें सीज कर दिया जाएगा और बस संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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