नई दिल्ली, 14 जुलाई: ‘सुश्रुत जयंती 2024’ के अवसर पर ‘अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) के शल्य तंत्र विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी “सौश्रुतम” रविवार को भी जारी रही। इस दौरान आयुर्वेद के साथ एकीकृत अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीक के तहत ‘लाइव सर्जिकल डेमोंस्ट्रेशंस’ का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर एआईआईए की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा नेसारी ने कहा, संस्थान की स्थापना के बाद से हम वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद की उन्नति और प्रगति के लिए प्रयासरत हैं। संस्थान की ओर से आयोजित ‘सौश्रुतम संगोष्ठी आयुर्वेद को अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीक के साथ एकीकृत करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो आयुर्वेदिक सर्जनों के उन्नत, कौशल और एकीकृत सर्जिकल प्रथाओं की प्रति समर्पण और आत्मविश्वास को दिखाता है। इस संगोष्ठी में शल्य तंत्र विभाग के प्रमुख प्रोफेसर (डॉ.) योगेश बडवे, पीजी छात्र, पीएचडी छात्र, रेजिडेंट चिकित्सक, सर्जन और विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षकों समेत 160 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह संगोष्ठी सर्जरी के क्षेत्र में आचार्य सुश्रुत के योगदान की स्मृति में 13 जुलाई से 15 जुलाई 2024 तक जारी रहेगी।