ATS Happy Trails protest: एटीएस हैप्पी ट्रेल्स सोसाइटी में सुविधाओं की कमी पर हंगामा

ATS Happy Trails protest: एटीएस हैप्पी ट्रेल्स सोसाइटी में सुविधाओं की कमी पर हंगामा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में निवासियों का बिल्डर प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन, पुलिस पहुंची मौके पर
ग्रेटर नोएडा वेस्ट। एटीएस हैप्पी ट्रेल्स सोसाइटी के निवासियों ने रविवार को सुविधाओं की कमी और रखरखाव में लापरवाही को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। लोगों ने मुख्य गेट बंद कर बिल्डर प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और चेतावनी दी कि अगर जल्द समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
सुविधाओं में कटौती से नाराज निवासी, मेंटेनेंस शुल्क पर उठाए सवाल
सोसाइटी के निवासी प्रतीश और मयंक ने बताया कि बिल्डर प्रबंधन द्वारा लगातार सुविधाओं में कटौती की जा रही है। “हर महीने 4.25 रुपये प्रति स्क्वायर फीट मेंटेनेंस शुल्क देने के बावजूद न तो साफ-सफाई ठीक से हो रही है और न ही सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है,” उन्होंने कहा। लोगों का आरोप है कि रखरखाव में घोर लापरवाही के कारण सोसाइटी की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।
मुख्य गेट किया बंद, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली
रविवार सुबह करीब 10 बजे सोसाइटी के निवासी परिसर में एकत्रित हुए और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने मुख्य गेट बंद कर दिया और 11 बजे से 1 बजे तक विरोध जारी रखा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया, जिसके बाद गेट खोला गया।
कूड़ा न उठने और कुत्तों के आतंक से बढ़ी समस्या
निवासियों का कहना है कि सोसाइटी में कूड़ा समय पर नहीं उठाया जाता, जिससे बदबू और गंदगी फैल रही है। वहीं, लावारिस कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कुत्ते बेसमेंट, पार्क और बच्चों के खेलने की जगहों पर घूमते रहते हैं, जिससे लोगों में डर बना रहता है। कई बार बच्चों और बुजुर्गों पर हमला करने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
एओए चुनाव को लेकर भी विवाद, दोबारा कराने की मांग
लोगों ने बताया कि जून में एओए (अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन) चुनाव हुए थे, लेकिन बिल्डर प्रबंधन ने डिप्टी रजिस्ट्रार के माध्यम से चुनाव रद्द करवा दिए। तब से अब तक दोबारा चुनाव नहीं कराए गए हैं। निवासियों ने जल्द चुनाव कराने और स्वशासन प्रणाली बहाल करने की मांग की है।
मामले पर प्रतिक्रिया के लिए बिल्डर प्रबंधन के कपिल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। निवासियों का कहना है कि जब तक प्रबंधन सामने नहीं आता, वे प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने का सिलसिला जारी रखेंगे।





