
नई दिल्ली, 11 जुलाई : राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के पूर्व कैडेट भारत के मजबूत स्तंभ हैं, जो राष्ट्र के विकास से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं। राष्ट्रीय विकास के लक्ष्य को गति देने के मामले में पूर्व कैडेटों का अनुभव और मार्गदर्शन उपयोगी साबित हो सकता है।
यह बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में आयोजित नेशनल कैडेट कोर एलुमनी एसोसिएशन (एनसीसीएए) की पहली शासी परिषद की बैठक में शुक्रवार को कहीं। उन्होंने एनसीसी को देश के युवाओं के लिए एक आदर्श मंच बताया और विश्वास व्यक्त किया कि एनसीसीएए एनसीसी को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा। राजनाथ सिंह ने एनसीसी से आग्रह किया कि वह एनसीसी प्लस की भावना के साथ अपने कैडेटों के मूल्यों और गुणों को समाज के एक बड़े वर्ग तक पहुंचाएं। ताकि ये मूल्य उन लोगों तक पहुंच सकें जो एनसीसी में शामिल नहीं हो सके। बैठक में सांसद मनोज तिवारी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, डीजी-एनसीसी लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।
क्या है एनसीसीएए?
एनसीसीएए, एनसीसी के पूर्व छात्रों का एक प्रमुख संघ है जिसका उद्देश्य पूर्व और वर्तमान कैडेटों को एक छत्र के नीचे लाना और राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को बढ़ाना है। साथ ही दुनिया के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन के कार्यों में इजाफा करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संघ के पहले पंजीकृत सदस्य हैं और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दूसरे सदस्य (पूर्व कैडेट) के रूप में पंजीकृत हैं।
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