उत्तर प्रदेश : हेम्प वेस्ट से बन रही बायो-प्लास्टिक, ग्रीन इनोवेशन के जरिए पर्यावरण को बचाने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही योगी सरकार
उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने वाली एक अभिनव पहल शुरू की गई है। संभल जिले में पहली बार हेम्प वेस्ट यानी भांग के डंठलों से प्राकृतिक फाइबर तैयार किया जा रहा है। योगी सरकार के पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के विजन को आगे बढ़ाते हुए इस पहल के जरिए न केवल जलवायु परिवर्तन से मुकाबला किया जा रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आमदनी के नए अवसर भी उत्पन्न किया जा रहा है।
हेम्प के पौधे की विशेषताएं
हेम्प के पौधे अन्य पौधों की तुलना में 4 गुना तक कार्बन डाईऑक्साइड अधिक सोखते हैं, जिससे यह पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाते हैं। हेम्प की विशेषता यह है कि इससे रेशा बनाने में कपास की तुलना में 10 गुना कम पानी खर्च होता है। साथ ही, यह कपास से 2.5 गुना अधिक फाइबर देता है।
आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का प्रयोग
आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए यह अभिनव प्रयोग धरातल पर उतर रहा है। इस पहल के तहत हेम्प के डंठलों से फाइबर निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित हो रहे हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
हेम्प की खेती और प्रोसेसिंग से ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार सृजित हो रहे हैं। हेम्प प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से पलायन पर रोक लगेगी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में ग्रामीण भारत को मजबूती मिलेगी। इससे कपास, प्लास्टिक और लकड़ी के आयात पर देश की निर्भरता भी घटेगी।
हरित नवाचार का उदाहरण
हेम्प के डंठलों से फाइबर निर्माण की यह पहल उत्तर प्रदेश में हरित नवाचार का उदाहरण बन रही है। यह न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण का साधन है, बल्कि ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति का आधार बन रही है। इस पहल के जरिए योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के अपने विजन को आगे बढ़ा रही है।