
नई दिल्ली, 28 मई : भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने मोटापे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कमर कस ली है। अब एफएसएसएआई लोगों को ना सिर्फ ‘ईट राइट इंडिया’ मुहिम के साथ जोड़ेगा। बल्कि दैनिक भोजन की आदतों में बदलाव लाने और संतुलित आहार अपनाने के लिए प्रेरित भी करेगा।
इस संबंध में मंगलवार को नई दिल्ली में 47वीं केंद्रीय सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया कि वे शुगर व तेल के खपत में कमी लाने के लिए बड़े पैमाने पर जन -जागरूकता अभियान चलाएं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में देशवासियों से आह्वान किया था कि वे मोटापे को नियंत्रित करने के लिए दैनिक भोजन में इस्तेमाल होने वाले तेल की खपत में 10% की कमी लाएं। इससे जहां मोटापे को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। वहीं मोटापे के चलते होने वाली बीमारियों से राहत मिलेगी।
बैठक में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ स्थापित करने संबंधी हालिया निर्देश पर भी विचार -विमर्श किया गया। एफएसएसएआई ने राज्यों से कहा, कि वे सीबीएसई की महत्वपूर्ण पहल को बड़े पैमाने पर लागू करें ताकि स्कूली बच्चों में चीनी के अत्यधिक सेवन संबंधी आदतों में सुधार और खाने -पीने की स्वस्थ आदतों में इजाफा किया जा सके। 47वीं सीएसी बैठक में खाद्य सुरक्षा आयुक्तों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों, केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों और खाद्य उद्योग, उपभोक्ता समूहों, कृषि, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान संगठनों के हितधारकों सहित 60 से अधिक प्रतिभागी मौजूद रहे।
क्या है ईट राइट इंडिया आंदोलन ?
ईट राइट इंडिया अभियान का मिशन 2050 के लिए ईट राइट इंडिया का विजन सभी के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और टिकाऊ भोजन की संस्कृति बनाने के इर्द-गिर्द घूमता है। इसका एक लक्ष्य भारतीय भोजन को ट्रांस फैट मुक्त बनाना है। साथ ही दैनिक भोजन में नमक, चीनी और तेल की खपत को 30% तक कम करना है। इस अभियान के तहत समाज के सभी वर्गों को पौष्टिक और सुरक्षित खाद्य विकल्पों की उपलब्धता के प्रति जागरूक किया जाता है और संतुलित आहार का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।