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नई दिल्ली: खेलो इंडिया नॉर्थ- ईस्ट गेम्स का आयोजन हर साल करेगी सरकार: डॉ. मनसुख मांडविया

नई दिल्ली: -पूर्वोत्तर सहित देशभर में प्रतिभा पहचान अभियान शुरू करेगा खेल मंत्रालय

नई दिल्ली, 25 मई: युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत सरकार हर साल पूर्वोत्तर के 8 में से एक राज्य में ‘खेलो इंडिया नॉर्थ ईस्ट गेम्स’ का आयोजन करेगा। इससे जहां अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलेगी। वहीं पूर्वोत्तर की खेल प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय फलक पर चमकने का अवसर मिलेगा।

केंद्रीय खेल मंत्री नई दिल्ली के भारत मंडपम में उभरते पूर्वोत्तर निवेशक शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि लोग पूर्वोत्तर को केवल भारत के पहले सूर्योदय के क्षेत्र के रूप में जानते थे, लेकिन मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में पूर्वोत्तर ना सिर्फ विकास की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। बल्कि ‘नए भारत’ के विकास में भी योगदान दे रहा है।

खेल मंत्री ने कहा कि भारत जैसा विशाल देश पूरे वर्ष अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए एक आदर्श स्थान है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि वर्तमान में भारत में तीन मौसम हैं – दक्षिण भारत में मानसून, हिमालय के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और पश्चिमी भारत में गर्मी। उनके अनुसार, पीएम मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की तरह ‘प्ले इन इंडिया’ के लिए भारत सबसे अच्छा विकल्प है।

पूर्वोत्तर के बुनियादी खेल ढांचे में तेजी से हो रहा इजाफा
डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि पूर्वोत्तर में खेल बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि हुई है और वर्तमान में 86 परियोजनाएं उपयोग में हैं। खेलो इंडिया योजना के तहत 2021 में पूर्वोत्तर क्षेत्र में 64 खेल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 439 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इनमें सिंथेटिक टर्फ, बहुउद्देशीय हॉल, स्विमिंग पूल और छात्रावास शामिल हैं। खेल मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में 152 खेलो इंडिया सेंटर हैं, जो 8000 से अधिक एथलीटों को प्रशिक्षण दे रहे हैं, और 8 खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस हैं, जो एक मजबूत जमीनी स्तर के पारिस्थितिकी तंत्र का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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