
नई दिल्ली, 2 अप्रैल : ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) से पीड़ित व्यक्तियों की समझ, स्वीकृति और समावेश को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को दिल्ली में ऑटिज्म जागरूकता वॉक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में डॉक्टरों, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों, मेडिकल छात्रों और मरीजों की देखभाल करने वालों के साथ ऑटिज्म पीड़ित व्यक्तियों के परिवारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस दौरान सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ संदीप बंसल ने कहा, ऑटिज्म कोई विकलांगता नहीं बल्कि एक अलग प्रकार की क्षमता है। इस संबंध में समाज में जागरूकता का प्रसार करने और उचित समय पर एएसडी का उपचार शुरू करने की जरूरत है ताकि ऑटिज्म से पीड़ित लोगों को वह देखभाल मिल सके जिसके वे हकदार हैं। प्रिंसिपल डॉ गीतिका खन्ना ने कहा, मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्तियों के साथ बातचीत करने और उनकी मदद करने के लिए ज्ञान, सहानुभूति और संवेदनशीलता से लैस होना चाहिए।
उधर, आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स, न्यूरोडेवलपमेंटल पीडियाट्रिक्स दिल्ली के सहयोग से नेहरू पार्क, दिल्ली में ऑटिज्म जागरूकता पदयात्रा का आयोजन किया गया। इस दौरान उपस्थित लोगों ने ऑटिज़्म पीड़ित बच्चों को सक्षम करें लेबल न करें और ऑटिज्म एक अलग क्रम है न कि एक विकार जैसे नारों से सुबह के माहौल को जोश से भर दिया। विशेषज्ञों ने एएसडी से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए शीघ्र पहचान, हस्तक्षेप और सामुदायिक समर्थन के महत्व पर जोर दिया।
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