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Maghi Purnima 2025: माघ पूर्णिमा पर भूलकर भी न करें तुलसी से जुड़ी ये गलतियां, नहीं मिलेगा पुण्य

Maghi Purnima 2025:  माघ पूर्णिमा पर तुलसी पूजा के नियमों का पालन न करने से दुर्भाग्य बढ़ सकता है। जानें, तुलसी पूजा से जुड़ी जरूरी बातें और गलतियां जो नहीं करनी चाहिए।

Maghi Purnima 2025: जानें तुलसी पूजा के नियम और बचने योग्य गलतियां

माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायी मानी जाती है। इस साल माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन सभी देवी-देवता धरती पर आते हैं, और इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है।

तुलसी पूजा का विशेष महत्व
माघ पूर्णिमा पर तुलसी माता की पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। लेकिन यदि पूजा के दौरान कुछ गलतियां हो जाएं, तो इसका नकारात्मक प्रभाव भी हो सकता है। इसलिए तुलसी पूजा के दौरान इन नियमों का पालन अवश्य करें।

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Maghi Purnima 2025: माघ पूर्णिमा पर तुलसी से जुड़ी गलतियां जो नहीं करनी चाहिए

🔹 तुलसी के पत्ते न तोड़ें – माघ पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित माना गया है।
🔹 गंदगी न रखें – तुलसी के आसपास हमेशा सफाई रखें, गंदगी होने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
🔹 जूते-चप्पल दूर रखें – तुलसी के पास कभी भी जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए, इससे अशुद्धता बढ़ती है।
🔹 काले कपड़े न पहनें – तुलसी पूजा के समय काले कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है।
🔹 सूर्यास्त के बाद जल न चढ़ाएं – तुलसी को शाम के समय जल अर्पित करना वर्जित है।
🔹 अपवित्र जल न चढ़ाएं – तुलसी में गंदा या अशुद्ध जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
🔹 प्लास्टिक या लोहे के बर्तन से जल न डालें – तुलसी में जल अर्पित करते समय तांबे या मिट्टी के पात्र का उपयोग करें।

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Maghi Purnima 2025: माघ पूर्णिमा पर तुलसी पूजा के नियम

संतुलित मात्रा में जल अर्पित करें – तुलसी के पौधे में अधिक पानी डालने से उसकी जड़ें खराब हो सकती हैं।
तुलसी की परिक्रमा करें – जल अर्पित करने के बाद कम से कम तीन बार परिक्रमा करनी चाहिए।
महिलाएं बाल न खोलें – तुलसी की पूजा के समय महिलाओं को खुले बाल नहीं रखने चाहिए।
शुद्धता का ध्यान रखें – तुलसी के पौधे को गंदे या जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए।
रविवार को तुलसी में जल न चढ़ाएं – इस दिन तुलसी में न तो जल चढ़ाना चाहिए और न ही दीपक जलाना चाहिए।
दूध मिला पानी न डालें – तुलसी को कभी भी दूध मिला हुआ जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
अनुचित फूल-पत्तियां न चढ़ाएं – तुलसी के पौधे पर बेलपत्र, धतूरा या आंकड़े का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
तिल का तेल न अर्पित करें – तुलसी के पौधे पर तिल का तेल चढ़ाना वर्जित है।

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Maghi Purnima 2025: माघ पूर्णिमा पर तुलसी पूजा का महत्व

🔸 भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
🔸 घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
🔸 नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
🔸 परिवार में स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि आती है।

📢 इस Maghi Purnima 2025 पर तुलसी पूजा के इन नियमों का पालन करें और माता तुलसी की कृपा प्राप्त करें!

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