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नई दिल्ली: बेहतर नींद – स्वस्थ जीवन शैली से स्लीप डिसऑर्डर में सुधार

नई दिल्ली: -जापान, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया समेत 8 देशों के प्रतिभागियों ने लिया भाग

नई दिल्ली, 7 फरवरी : स्लीप डिसऑर्डर अथवा नींद संबंधी विकारों और उनके परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एम्स दिल्ली में तीन अलग -अलग कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।

मुख्य कार्यशाला का उद्घाटन एम्स निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने किया। उनके साथ फिजियोलॉजी विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ नसरीन अख्तर, प्रो. एच.एन. मलिक और डॉ मनवीर भाटिया प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इस अवसर पर डॉ अख्तर ने कहा कि तीनों कार्यशालाओं का आयोजन 11वीं एशियाई नींद अनुसंधान सोसायटी कांग्रेस और 8वीं एशियाई फोरम ऑन क्रोनोबायोलॉजी के सहयोग से किया गया। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य प्रतिभागियों को नींद की दवा, क्रोनोबायोलॉजी और नींद से संबंधित हस्तक्षेपों में अत्याधुनिक शोध और प्रथाओं से संबंधित समझ को बढ़ाना था। ताकि वह मरीजों को बेहतर नींद प्रथाओं और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित कर सकें।

पहली कार्यशाला में ‘योग निद्रा अभ्यास’ को लेकर विशेषज्ञों ने नींद की गुणवत्ता, संज्ञानात्मक कार्य और तनाव प्रबंधन में सुधार के लिए योग निद्रा के चिकित्सीय लाभों की जानकारी प्रदान की। प्रतिभागियों ने अनिद्रा के इलाज और समग्र मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में इसकी भूमिका पर निर्देशित अभ्यास और चर्चाओं में भाग लिया। दूसरी कार्यशाला में ‘नींद की दवा में तकनीकी प्रगति’ पर चिकित्सकीय चर्चा की गई। इस दौरान एआई -सक्षम समाधानों, मल्टी मॉडल डेटा प्रतिनिधित्व, पहनने योग्य तकनीक और नींद की दवा में प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इसमें ये भी बताया गया कि आधुनिक तकनीक नींद विकार के निदान और उपचार को कैसे बदल रही है।

वहीं, तीसरी कार्यशाला में ‘नींद और सर्कैडियन घड़ी’ विषय के तहत नींद के आंतरिक संगठन, मानव लय, नींद की कमी और अंतरिक्ष में सर्कैडियन लय पर केंद्रित विषयों पर चर्चा की गई। साथ ही अच्छी नींद को प्रभावित करने वाले शारीरिक और पर्यावरणीय पहलुओं को साझा किया गया। कार्यशालाओं में जापान, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की, चीन, अमेरिका, कनाडा और भारत समेत 8 देशों के प्रतिभागी शामिल हुए।

क्या है स्लीप डिसऑर्डर ?
नींद संबंधी विकार या स्लीप डिसऑर्डर, नींद लेने में परेशानी या नींद में अनियमितता की स्थिति को कहते हैं। इसमें नींद में चलना, बुरे सपने, अनिद्रा, बेचैन पैरों का सिंड्रोम और स्लीप एपनिया जैसी समस्याएं भी शामिल होती हैं। नींद संबंधी विकारों की वजह से दिन में थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत हो सकती है। इसके अन्य लक्षणों में दिन में ज्यादा नींद आना, रात में जाग जाना और फिर से सो न पाना, असामान्य तरीके से सांस लेना (खर्राटे लेना) और नींद के दौरान हिलने-डुलने की इच्छा न होना आदि शामिल है।

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