उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: जिले में बेहतर होगा सर्विलांस, अपराधियों की आएगी शामत
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: जिले में बेहतर होगा सर्विलांस, अपराधियों की आएगी शामत
अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। गाजियाबाद में अपराधियों की शामत के पूरे बंदोवस्त किए जा रहे हैं। अपराध किसी भी तरह का हो, सर्विलांस हर मामले में अपना काम करेगा। कहने को यह “इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम” यानि आईटीएमएस होगा और खुद ब- खुद ट्रैफिक वायोलेशन करने वालों के चालान भी काटेगा लेकिन बाकी अपराधी भी आईटीएमएस की जद में आ जाएंगे। चोरी का वाहन सड़क पर जाते ही पकड़ा जाएगा तो अपराधिक वारदात को अंजाम देने वालों की भी पूरी कुंडली पुलिस तक पहुंच जाएगी। ऐसे में अपराधियों की शामत आने से कोई नहीं रोक पाएगा।
नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि शहर के 41 चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत एक फरवरी से कैमरे लगने शुरू हो जाएंगे। आठ माह में यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। कैमरे लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर नगर निगम ने कार्य शुरू करने के लिए कार्यादेश भी जारी कर दिया है। चिन्हित चौराहों पर ऑटोमेटिक चालान काटने वाले उपकरण तथा कैमरे लगाए जाएंगे। अक्टूबर माह से ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का कैमरे की मदद से चालान भी शुरू कर दिया जाएगा। इफकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को इसका टेंडर हुआ है। वर्क आर्डर जारी कर दिया गया है। कैमरों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। लगभग आठ माह में कार्य पूरा होगा। सबसे पहले हिंडन एलिवेटेड रोड और हापुड़ रोड पर आईटीएमएस का कार्य शुरू किया जाएगा। इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनकर तैयार हो चुका है। आईटीएमएस का कार्य नगर निगम और यातायात पुलिस संयुक्त रूप से कर रही है। कंट्रोल रूम की निगरानी यातायात पुलिस करेगी। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 53 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नगर निगम द्वारा सेफ सिटी योजना अंतर्गत आईटीएमएस निविदा प्रक्रिया पूरी की गई है।
अपराधियों को पकड़ने में मिलेगी मदद
कैमरों से पुलिस सड़क से गुजर रहे अपराधी की पहचान कर सकेगी। सड़क पर चल रहे चोरी के वाहनों की पहचान हो सकेगी। वाहन चोरी कर रहे बदमाशों को पकड़ना पुलिस के लिए आसान होगा। कैमरों में एआई का प्रयोग भी होगा। यदि कैमरे में चोरी किए गए वाहन की नंबर प्लेट आती है तो तुरंत ही इसकी सूचना कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगी। कुछ लोग दुर्घटना के बाद वाहन लेकर भाग जाते हैं। कैमरों की मदद से पुलिस उसे पकड़ सकेगी। वहीं सड़क पर रील बनाने और स्टंट करने वालों की पहचान कर पुलिस उन पर कार्रवाई करेगी। इसके लिए 82 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगेगा। इसका कंट्रोल रूम नगर निगम मुख्यालय में होगा।
ये विभाग करेंगे मिलकर काम
आईटीएमएस के अंतर्गत गाजियाबाद नगर निगम के साथ ही ट्रैफिक पुलिस, बिजली विभाग, जलकल विभाग और लोक निर्माण विभाग सहयोग करेंगे। योजना को रफ्तार देने के लिए नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने टाइम लाइन तय कर दी है। फरवरी तक सर्वेक्षण का काम पूरा होगा। जुलाई तक सभी चौराहों पर कैमरे लग जाएंगे और अक्टूबर में आईटीएमएस से ई- चालान होने लगेंगे। बैठक में मुख्य अभियंता (निर्माण) एनके चौधरी, अधिशासी अभियंता “निर्माण) एसपी मिश्रा, एफकोन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से प्रतिनिधि मनीष सैनी और मोहित निरंजन पूरी टीम के साथ मौजूद रहे।
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