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अयोध्या/गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दो कीर्तिमान दर्ज

•1 हजार 121 लोगों ने एकसाथ सरयू आरती की

अयोध्या: देश में दिवाली के पर्व की धूम है। पूरा देश रोशनी से जगमगा रहा है। झालरें, झूमरें, दीये, रंगोली, फूल मालाएं, पुष्प लड़ियां… घरों की रौनक बढ़ा रही हैं। इस बीच अयोध्या दीयों से जगमगा उठा है। यहां पर चारों ओर लाखों दिए रोशनी बिखेर रहे हैं। कहीं लेजर लाइट्स के अद्भुत नजारे हैं तो कहीं मनमोहक रंगोलियां देखने को मिल रही हैं। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद पहले दीपोत्सव ने एक बार फिर से दो बड़ा कीर्तिमान बना लिया है। इस बार अयोध्या की दिवाली को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है। यह उपलब्धि अयोध्या में एक साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाकर और 1121 अर्चकों के एक साथ सरयू महाआरती कर हासिल हुई है।

पहली बार 1121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू मैया की आरती की
बता दें कि रामलला की मौजूदगी में पहले दीपोत्सव पर इस बार योगी सरकार ने अनूठी पहल की। पहली बार 1121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू मैया की आरती की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम अविरल सरयू तीरे बने घाट पर मैया की आरती की। 1121 वेदाचार्य एक ही रंग के परिधान में एक स्वर में सरयू मैया की आरती करते रहे। इसमें एक तरफ जहां आध्यात्मिकता का रंग था, वहीं दूसरी तरफ यह अनूठा आयोजन जनमानस में योगी सरकार की छवि को और निखार रहा था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसकी घोषणा भी की। अयोध्या प्रशासन के मुताबिक अयोध्या के दीपोत्सव को दिव्य और भव्य बनाने के लिए केवल सरयू के 55 घाटों को ही नहीं, बल्कि 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर को भी फूल माला, तोरण द्वारा और दीयों से सजाया गया था।

अयोध्या में सरयू के कुल 55 घाटों पर जले दीप
गौरतलब है कि यूपी सरकार और अयोध्या प्रशासन इस बार की दिवाली के लिए तैयारी कई महीने पहले ही शुरू कर दी थी। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकरियों के साथ मीटिंग कर कार्यक्रम की रूप रेखा तय की थी। उस समय तय किया गया था कि इस बाद अयोध्या में सरयू के विभिन्न तटों पर 28 लाख दीये जलाए जाएंगे। उसी समय सरकार ने तय किया था कि एक साथ इतने दीए जलाकर विश्व रिकार्ड बनाना है। इसके लिए अयोध्या में सरयू के कुल 55 घाटों पर तैयारी की गई थी। हालांकि 28 लाख तो नहीं, 25 लाख 12 हजार से अधिक दीए जलाकर नियत समय पर अयोध्या को रोशन कर दिया गया।

लेजर शो के जरिए लंका दहन समेत इतिहास के पन्नों को उकेरने की कोशिश
उधर, राम की पैड़ी से कुछ बेहद खास तस्वीरें सामने आई हैं। यहां खास तौर पर लेजर शो का आयोजन किया गया। इस शो के जरिए लंका दहन समेत इतिहास के पन्नों को उकेरने की कोशिश की गई। लेजर शो के माध्यम से रामकथा का प्रदर्शन श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना। प्रोजेक्शन मैपिंग के जरिए रामकथा के विभिन्न प्रसंगों को विभिन्न माध्यमों से प्रस्तुत किया गया तो राम की पैड़ी पर रामकथा जीवंत होती नजर आई। राम की पैड़ी की भव्यता लेजर शो में देखते ही बन रही थी। लेजर शो में भी रामकथा के प्रसंग दर्शाए गए। दीपोत्सव के अवसर पर राम की पैड़ी पर हर वर्ष लेजर शो के माध्यम से रामकथा का शो प्रस्तुत किया जाता है।

उल्लास में डूबे संत बोले…ऐसा लगा फिर लौट आया त्रेता युग
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव पर रामनगरी के संत-महंत खासतौर पर उल्लासित रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा मानो फिर से त्रेता युग लौट आया हो। इस पर्व को उन्होंने आस्था और श्रद्धा निवेदित करने का अद्वितीय अवसर बताया। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान की सराहना भी की।

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