![-सांस लेने में दिक्कत, खांसी और अस्थमा के साथ डेंगू के मामले बढ़े](https://topstory.online/wp-content/uploads/2024/10/12_12_2022-delhi_pollution_grap_23254534-780x470.webp)
नई दिल्ली, 29 अक्तूबर : राजधानी दिल्ली की प्रदूषित हवा जहां लोगों का दम घोंट रही है। वहीं सांस लेने में दिक्कत, खांसी, आंखों में लाली, ह्रदय रोग और अस्थमा जैसे रोगों के साथ मच्छर जनित रोगों में इजाफा हो रहा है। जिसके चलते प्रदूषण जनित बीमारियां और डेंगू व मलेरिया के मामले पहले से दोगुने हो गए हैं। यानि लोग जहरीली हवा और डेंगू के डबल अटैक झेलने को मजबूर हो रहे हैं।
दरअसल, शहर में कुछ दिन से लगातार दमघोंटू वातावरण बना हुआ है जिसके चलते लोग प्रदूषणजनित बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी से लेकर निजी अस्पतालों की ओपीडी और निजी क्लीनिकों में प्रदूषण जनित रोगों, खास तौर से डायबिटीज, हार्ट, अस्थमा और रेस्पिरेट्री डिसीज से पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। वहीं, राम मनोहर लोहिया अस्पताल के विशेष क्लीनिक (प्रदूषण संबंधी रोग निवारण केंद्र) में आने वाले ज्यादातर मरीज सीने में सांस लेने में तकलीफ, त्वचा पर दाने होने, आंखों में लाली आने और खांसी की शिकायत बता रहे हैं।
आरएमएल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शुक्ला ने कहा कि शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्पताल में ऐसे मरीजों को विशेष क्लीनिक में उपचार दिया जा रहा है। यहां एक ही छत के नीचे पल्मोनरी, मानसिक रोग, त्वचा, ईएनटी समेत अन्य विभागों के 8 डॉक्टर सुविधाएं दे रहे हैं। इसमें फैकल्टी स्तर के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण तनाव, चिंता जैसे मानसिक विकार बढ़ रहे हैं। साथ ही सांस सहित दूसरी परेशानियों के मरीज बढ़ गए हैं। वहीं पल्मोनरी विभाग के डॉक्टर देश दीपक ने कहा कि प्रदूषण बढ़ने के कारण, कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों, बुजुर्गों और बच्चों की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ गई है। ऐसे मरीजों को प्रदूषण से विशेष रूप से बचने की सलाह दी जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने का आग्रह किया जा रहा है।
दूषित हवा ने बढ़ाई सीओपीडी के मरीजों की दिक्कतें
दूषित वायु के कारण सीओपीडी यानि फेफड़ों की क्रॉनिक बीमारी और अस्थमा से पीड़ित मरीजों की समस्याएं भी बढ़ गई हैं। सीओपीडी में फेफड़े सही तरीके से काम नहीं करते जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। आरएमएल अस्पताल के मेडिसिन विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ सुभाष गिरि के मुताबिक इन दिनों अस्थमा, सीओपीडी के मरीजों के साथ-साथ स्मोकिंग करने के आदी लोगों में भी सांस संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। ऐसे मरीजों की ओपीडी में संख्या भी बढ़ गई है। बढ़ते प्रदूषण का असर हार्ट, ब्लड प्रेशर, शुगर, कैंसर और किडनी के मरीजों पर भी पड़ रहा है। ऐसे मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।
डेंगू के 499 नए मामले आए सामने
दिल्ली नगर निगम की ओर से जारी डाटा के मुताबिक राजधानी दिल्ली में डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों में इजाफा हो रहा है। जिसके चलते अक्तूबर के चौथे सप्ताह में भी डेंगू के 499 नए मामले दर्ज किए गए हैं। अक्तूबर माह में डेंगू मरीजों की कुल संख्या दो हजार से ज्यादा हो गई है। यह आंकड़ा सितंबर महीने की तुलना में करीब दो गुना ज्यादा है। अब तक डेंगू के करीब 3,500 मामले प्रकाश में आ हो चुके हैं। एमसीडी के आंकड़ों के मुताबिक डेंगू के सबसे अधिक मामले नजफगढ़ और दक्षिणी जोन में देखने को मिल रहे हैं। गत सप्ताह के दौरान डेंगू के नजफगढ़ जोन में 76 और दक्षिण जोन में 72 मामले सामने आए थे। जबकि मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। गत सप्ताह मलेरिया के 43 मामले और चिकनगुनिया के 25 मामले प्रकाश में आए थे।