नई दिल्ली, 27 सितम्बर: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा नर्सिंग ऑफिसर की आगामी भर्ती में महिलाओं के लिए अधिक अनुपात में आरक्षण का प्रावधान करने को लेकर ऑल इंडिया ईएसआईसी नर्सिंग ऑफिसर्स फेडरेशन ने कड़ी आपत्ति जताई है। फेडरेशन ने इसे नर्स भर्ती प्रक्रिया में लिंग-आधारित भेदभाव बताया है।
फेडरेशन के महासचिव जोधराज बैरवा के मुताबिक एम्स नॉरसेट (नर्सिंग ऑफिसर भर्ती योग्यता परीक्षा) 2024 में महिला और पुरुष उम्मीदवारों के लिए 80:20 के अनुपात में आरक्षण प्रावधान किया गया है जो न केवल अवैध है, बल्कि असंवैधानिक भी है। उन्होंने कहा कि इस लिंग-आधारित आरक्षण को लागू करने के लिए एम्स दिल्ली को एक निवेदन भेजा गया है। यह सार्वजनिक रोजगार में लिंग भेदभाव को जन्म देता है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन करता है। इस आरक्षण को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए और कानून के मुताबिक भर्तियां की जानी चाहिए।