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फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन गैंग का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन गैंग का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

अमर सैनी

नोएडा। थाना एक्सप्रेसवे पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी अब तक 1 हजार से अधिक लोगों को फर्जी पुलिस वेरिफिकेशन करा चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से सत्यापन सेल के प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की फर्जी मुहर, लैपटॉप और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

नोएडा जोन डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि थाना एक्सप्रेसवे पुलिस ने आरोपियों को गोल चक्कर छपरौली के पास से गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान जनीश सिंह चौहान पुत्र राजेंद्र सिंह चौहान, राहुल चौहान पुत्र बलबीर चौहान और अमित कुमार पुत्र ओमपाल के रूप में हुई है। तीनों आरोपी थाना क्षेत्र के ही रायपुर गांव के रहने वाले हैं। डीसीपी ने बताया कि इनके कब्जे से 3 लैपटॉप, सत्यापन प्रपत्रों की 6 फोटोकॉपी, 2 भरे हुए सत्यापन प्रपत्र, 130 फर्जी पुलिस सत्यापन प्रतियां बरामद की गईं। रबर स्टैंप (प्रभारी सत्यापन सेल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय जिला गौतमबुद्ध नगर (यूपी) बरामद की गईं।

ऐसे हुआ खुलासा
डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि 8 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आदेश पर एक्सप्रेसवे पुलिस द्वारा किराएदारों और घरेलू सहायकों के सत्यापन के लिए अभियान चलाया गया था। इस अभियान के तहत टीम ने लोटस जिंग सोसायटी में काम करने वाले कुछ घरेलू सहायकों, नौकरानियों आदि से पुलिस सत्यापन के बारे में पूछताछ की। उनके दस्तावेजों की जांच की गई। पता चला कि छपरौली में कुछ दुकानदार फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी मुहर और हस्ताक्षर कर उनका सत्यापन कर रहे हैं।

एडिट कर तैयार करते थे दस्तावेज
पूछताछ में तीनों ने बताया कि ये लोग लोटस जिंग सोसायटी सेक्टर-168 नोएडा में काम करने वाली नौकरानियों और किरायेदारों के सत्यापन का काम करते हैं। इनके पास पहले से ही फर्जी पुलिस मुहर लगे कागजात और 50 रुपये के बैंक चालान की रसीद की कॉपी मौजूद रहती है। रसीद को एडिट कर ये फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी पुलिस सत्यापन करते हैं। इसके लिए ये फीस भी लेते थे।

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