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लग्जरी कारों को चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार

लग्जरी कारों को चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 6 गिरफ्तार

अमर सैनी

नोएडा। थाना सेक्टर 113 पुलिस ने 6 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपी 5 मिनट में डुप्लीकेट चाबी बनाकर लग्जरी गाड़ियां चुराते थे। उसके बाद पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, चेन्नई और नार्थ-ईस्ट में मनमाने दाम पर बेचते थे। इनके पास से 10 कार बरामद की गई है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि नोएडा से एक फॉर्च्यूनर कार चोरी की शिकायत मिली थी। थाना सेक्टर-113 पुलिस ने कार की बरामदगी के लिए दो टीम बनाई। सर्विलांस और मुखबिर की सूचना पर पुलिस एफएनजी रोड पर चेकिंग कर रही थी। इस दौरान भारत अस्पताल के पास सर्विस रोड पर दोपहर करीब एक बजे 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान खलील, मोनु कुमार, सोनू , राजेश कक्कड उर्फ राजा , अली शेर उर्फ इमरान, प्रमोद को गिरफ्तार किया गया। इनकी उम्र 29 से 38 साल के बीच की है।इनके पास से 10 चोरी की लग्जरी कार , 19 चाबी अलग-अलग कंपनी, 02 क्लिप, 01 वायर कटर, 01 प्लास, 3 L-KEY लाक ब्रेकर, 04 पेचकस, 01 लॉक सेट, 02 KEY प्रोग्रामिंग पैड, 2 कनैक्टिंग केबल, 12 नम्बर प्लेट 06 फर्जी आरसी सहित गिरफ्तार किया गया। इन छह के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में मुकदमा दर्ज है। इनके पास KEY PROGRAMMING PAD भी मिला है। इसको पहले से इंटरनेट से कनेक्ट करते है। इसके बाद गाड़ी के ECM (Electronic content management) मशीन को Reprogramme कर लेते है। जिससे नया की-मोड जनरेट करने के बाद गाडी की डूप्लीकेट चाबी बना लेते है। इस की-पेड से ये पूरी कार को कंट्रोल कर लेते है। इस काम में महज 5-10 मिनट का समय लगता है। इनके द्वारा चाबी अपने पास गाडियों के लॉक तोड़ने व डूप्लीकेट चाबी बनाने के उपकरण भी है।

मैकेनिक बनकर बार्डर पार कराते थे बदमाश
चोरी करने के बाद ये लोग कार की नंबर प्लेट को हटा लेते थे। दो से तीन दिन तक सुरक्षित स्थान पर रखते। इसके बाद चोरी की गाड़ियों के फर्जी आरसी व नंबर प्लेट तैयार करने के बाद बार्डर पार कराते थे। इस दौरान यदि कही पुलिस चैकिंग हो जाए तो ये अपने आप को मैकेनिक बताकर वहां से निकल जाते थे। इनके पास कार से संबंधित सभी उपकरण होते थे। इसलिए इन पर ज्यादा शक नहीं होता था।

वॉट्सऐप पर मिलती थी लोकेशन
चोरी की गाड़ी के आगे इनकी एक गाड़ी हमेशा चलती थी। जो इनको वॉट्सऐप पर इंडीकेट करती थी। ये बताते थे कि कहा-कहा चेकिंग वल रही है। कोई और रास्ता है तो उसकी लोकेशन वॉट्सऐप वर ही शेयर की जाती थी। अचानक पुलिस आने पर गाड़ी खराब होने के बहाना बनाकर गाड़ी के नीचे लेटकर ठीक करने की एक्टिंग करने लग जाते है। ये लोग कुछ दिन चोरी किये गये वाहन की अपने पास रखकर मौका पाकर वाहनों को अलग-अलग प्रदेशों में बेच देते है।

लग्जरी कारें बरामद
LEGENDR FORTUNER, सफेद रंग की क्रेटा कार, सफेद रंग की ब्रेजा कार, सफेद रंग की क्रेटा बिना नम्बर प्लेट, सफेद रंग की क्रेटा कार बिना नम्बर प्लेट, सफेद रंग की क्रेटा कार बिना नम्बर प्लेट, सफेद रंग की बिना नम्बर प्लेट टाटा सूमो गोल्ड, सफेद रंग की बिना नंबर इको कार, मारुति रिट्ज और स्विष्ट रंग सफेद बरामद की गई।

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