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अमर सैनी
नोएडा। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमीक्रॉन-2 और मथुरापुर गांव से तीन दिन के अंदर दो कछुए बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि पशु प्रेमी कावेरी राणा की शिकायत पर वन विभाग अधिकारियों ने इन्हें बरामद किया है। इनमें से एक छुआ घायल अवस्था में मिला है।
दोनों कछुए इंडियन फ्लैप-शेल नस्ल के हैं। इन्हें घर में रखना प्रतिबंधित है। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर ओमीक्रॉन-2 के मकान नंबर बी-32 में कछुआ होने की शिकायत मिली थी। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो घर के अंदर बाल्टी में कछुआ मिला। पानी गंदा था। पूछताछ में मकान मालिक ने बताया कि उसे यह रास्ते में मिला था और उसने बाल्टी में रख दिया था। वन विभाग ने कछुओं को अपने कब्जे में ले लिया है। मंगलवार को मथुरापुर गांव में किराना दुकान मालिक के घर पर कछुआ मिला था। वन विभाग की टीम पहुंची और कछुए को अपने कब्जे में ले लिया। शिकायतकर्ता और पशु प्रेमी कावेरी राणा ने बताया कि कछुए के पैर में चोट है। तार कटे होने की आशंका है। उनकी टीम कछुए का उपचार कर रही है। दोनों कछुए प्रतिबंधित नस्ल के हैं। हालांकि वन विभाग का कहना है कि कछुओं की नस्ल की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।गौतमबुद्ध नगर के प्रभागीय वनाधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि दो अलग-अलग घरों में कछुए मिले हैं। उन्हें कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई है। अगर कछुए प्रतिबंधित नस्ल के हैं तो संबंधित लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
घर में कछुआ पालना गैरकानूनी
वन विभाग प्रभागीय वनाधिकारी पीके श्रीवास्तव ने बताया कि कछुओं की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। 1972 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत इसे प्रथम श्रेणी में रखा गया है। काला हिरण, बाघ, शेर, चीता जैसे जंगली जानवरों को प्रथम श्रेणी में रखा गया है। कछुए को भी इसी श्रेणी में रखा गया है। इससे आप समझ सकते हैं कि जिस कानून का इस्तेमाल आप काला हिरण पकड़ने के लिए करते हैं, वही कानून कछुओं को पालने के लिए भी किया जाता है। इसलिए आम लोगों को अपने घरों में कछुआ नहीं पालना चाहिए। इसके लिए जेल का प्रावधान है।
कछुआ पाए जाने पर जेल कंफर्म
उन्होंने बताया कि अगर आपके पास भी कछुआ है तो उसे वन विभाग को सौंप दें। आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। लेकिन अगर वन विभाग आपको पकड़ता है तो आपको जेल जाना पड़ेगा। किसी भी प्रजाति के कछुए को पालना या बेचना कानूनी अपराध है।