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Supertech Eco Village 1: फ्लैट के मालिकाना हक के लिए हाईकोर्ट पहुंचे सुपरटेक इको विलेज–1 के खरीदार, दस साल से इंतजार कर रहे हजारों परिवार

Supertech Eco Village 1: फ्लैट के मालिकाना हक के लिए हाईकोर्ट पहुंचे सुपरटेक इको विलेज–1 के खरीदार, दस साल से इंतजार कर रहे हजारों परिवार

नोएडा। सुपरटेक इको विलेज–1 के हजारों फ्लैट खरीदार पिछले एक दशक से अपने घरों के वैधानिक मालिकाना हक का इंतजार कर रहे हैं। अब निराश होकर उन्होंने न्याय की उम्मीद में इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इको विलेज–1 सोशल वेलफेयर एसोसिएशन ने इस संबंध में हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल की है, जिसमें बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के फ्लैटों की रजिस्ट्री कराए जाने की मांग की गई है।

सोसायटी के सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि परियोजना में वर्ष 2015 से फ्लैट खरीदारों को कब्जा मिलना शुरू हो गया था। खरीदारों ने समय पर बिल्डर को पूरा भुगतान भी कर दिया, लेकिन इसके बावजूद वर्ष 2017 के बाद नोएडा प्राधिकरण द्वारा घर खरीदारों की रजिस्ट्री रोक दी गई। एसोसिएशन का कहना है कि इसमें फ्लैट खरीदारों की कोई गलती नहीं है, फिर भी उन्हें वर्षों से परेशानी झेलनी पड़ रही है।

परियोजना में कुल 7,932 फ्लैट स्वीकृत हैं, जिनमें से लगभग 6,700 फ्लैटों पर लोगों को कब्जा दिया जा चुका है। हालांकि, इनमें से अब तक केवल करीब 1,250 फ्लैटों की ही रजिस्ट्री हो सकी है, जबकि करीब 5,500 फ्लैटों की रजिस्ट्री अब भी लंबित पड़ी हुई है। बड़ी संख्या में लोग बिना ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के अपने घरों में रहने को मजबूर हैं, जिससे उन्हें कानूनी और सामाजिक दोनों तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

खरीदारों का कहना है कि वे न तो अपने फ्लैट बेच पा रहे हैं और न ही बैंक से किसी तरह का ऋण या अन्य वित्तीय लाभ ले पा रहे हैं। फ्लैट की रजिस्ट्री न होने के कारण वे अपने ही घर में असुरक्षा की भावना के साथ रह रहे हैं। कई परिवारों के लिए यह घर उनकी जीवनभर की कमाई का निवेश है, लेकिन वर्षों बाद भी उन्हें मालिकाना हक नहीं मिल पाया है।

इसी को लेकर सुपरटेक इको विलेज–1 सोशल वेलफेयर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर मांग की है कि घर खरीदारों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या शर्त के उनके फ्लैट का वैधानिक मालिकाना हक प्रदान किया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि खरीदारों को बिल्डर या प्राधिकरण के आपसी विवाद का शिकार नहीं बनाया जाना चाहिए।

फ्लैट खरीदारों को उम्मीद है कि हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर उनके पक्ष में फैसला देगा और उन्हें वर्षों से लंबित न्याय मिलेगा। लोगों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो हजारों परिवारों का भविष्य और अधिक संकट में पड़ सकता है।

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