Noida: ससुरालियों का सितम: पति, ससुर और ननद पर गंभीर आरोप, विवाहिता को बेरहमी से पीटा

Noida: ससुरालियों का सितम: पति, ससुर और ननद पर गंभीर आरोप, विवाहिता को बेरहमी से पीटा
नोएडा, 26 नवंबर: ग्रेटर नोएडा के कोतवाली दादरी क्षेत्र में स्थित आनंद विहार कॉलोनी से घरेलू हिंसा का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। विवाहिता ने अपने पति, ससुर, सास और ननद पर लगातार प्रताड़ित करने और बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया है। मारपीट में गंभीर रूप से घायल हुई महिला का अस्पताल में इलाज कराया गया। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश में जुट गई है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि पीड़िता साहिबा अपने पति आरिफ और उसके परिवार के साथ दादरी नहर बाईपास स्थित आनंद विहार कॉलोनी में रहती हैं। साहिबा और आरिफ ने दो वर्ष पूर्व कोर्ट मैरिज की थी। इसके बाद दोनों परिवारों की सहमति से पारंपरिक शादी भी की गई थी। शादी के बाद से ही साहिबा के अनुसार ससुराल पक्ष ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।
पीड़िता ने बताया कि उसका पति आरिफ, ससुर सिराजुद्दीन, सास और ननद आए दिन विवाद करते हैं और उसे तंग किया जाता है। विरोध करने पर उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट की जाती है। घटना 24 नवंबर की दोपहर की है, जब साहिबा घर के काम में व्यस्त थीं। इसी दौरान पति आरिफ ने बहस शुरू कर दी और अचानक उसकी पिटाई कर दी। शोर सुनकर ससुर, सास और ननद भी वहां पहुंच गए और सभी ने मिलकर पीड़िता की मारपीट की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।
चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायल महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका प्राथमिक इलाज किया गया। उपचार के बाद साहिबा ने दादरी कोतवाली में अपने लिखित बयान में पति, ससुर, सास और ननद के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई।
पुलिस के अनुसार आरोपी घर से फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने कहा कि पीड़िता कई महीनों से हिंसा झेल रही थी लेकिन इस बार मामला बेहद गंभीर होने के कारण कानूनी कार्रवाई की गई।
यह घटना एक बार फिर समाज में बढ़ती घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में समाज को संवेदनशीलता और कानूनी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि पीड़ित महिलाएं भयमुक्त होकर न्याय के लिए आगे आ सकें।





