
नई दिल्ली, 15 अक्तूबर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों (ईएसएम) और उनके आश्रितों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में 100% इजाफा करने का फैसला किया है। संशोधित दरें 1 नवंबर, 2025 से प्रस्तुत आवेदनों पर लागू होंगी, जिसका वार्षिक वित्तीय भार लगभग 257 करोड़ रुपये होगा।
पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को मिलने वाली वित्तीय मदद केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से पूर्व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के तहत प्रदान की जाती है। रक्षा मंत्री ने निर्धनता अनुदान को प्रति लाभार्थी 4,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति माह कर दिया है।जिससे 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध और गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को, जिनकी कोई नियमित आय नहीं है, आजीवन निरंतर सहायता मिल सकेगी।
शिक्षा अनुदान को दो आश्रित बच्चों (कक्षा 1 से स्नातक तक) या दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर रही विधवाओं के लिए 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह कर दिया गया है। विवाह अनुदान को प्रति लाभार्थी 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया गया है। यह अनुदान पूर्व सैनिकों की अधिकतम दो पुत्रियों और विधवा पुनर्विवाह के लिए, इस आदेश के जारी होने के बाद संपन्न विवाहों के लिए लागू है।
इन योजनाओं का वित्तपोषण रक्षा मंत्री पूर्व सैनिक कल्याण कोष के माध्यम से किया जाता है, जो सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) का एक उपसमूह है। यह निर्णय गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों, विधवाओं और निम्न-आय वर्ग के आश्रितों के लिए सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करता है और पूर्व सैनिकों की सेवा एवं बलिदान का सम्मान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को साबित करता है।