
नई दिल्ली, 11 अक्तूबर : बीते 2 सितंबर को समुद्र में चिकित्सा निकासी अभियान के दौरान लापता आईसीजी के पायलट का शव वीरवार को मिल गया। पायलट का पार्थिव शरीर 10 अक्तूबर को पोरबंदर से 55 किमी दूर दक्षिण- पश्चिम क्षेत्र में समुद्र के तल से बरामद किया गया है।
भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) प्रवक्ता ने कहा कि जल्द ही सेवा परंपराओं और सम्मान के अनुसार पायलट राकेश राणा के पार्थिव अवशेषों का अंतिम संस्कार किया जाएगा। दरअसल, भारतीय ध्वज वाले मोटर टैंकर हरि लीला में गंभीर रूप से घायल चालक दल के एक सदस्य की चिकित्सा निकासी के लिए आईसीजी ने रात 11 बजे अभियान शुरू किया था। इस दौरान आईसीजी के हेलीकॉप्टर (एएलएच एमके-III) को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी और वह दो पायलट व दो एयर क्रू डाइवर के साथ समुद्र में डूब गया।
दुर्घटना के बाद, आईसीजी ने बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान शुरू किया और चार में से एक सदस्य को बचा लिया। अगले दिन कमांडेंट विपिन बाबू और प्रधान नाविक करण सिंह के शव और हेलीकॉप्टर का मलबा बरामद किया गया। इस बीच आईसीजी और नौसेना ने चौथे कार्मिक कमांडेंट राकेश कुमार राणा (पायलट) की तलाश के लिए 70 से अधिक हवाई उड़ानों और अनेक जलपोतों की मदद से समुद्र में अभियान जारी रखा। खोज और बचाव दल ने वीरवार 10 अक्तूबर को पायलट का पार्थिव शरीर पोरबंदर से लगभग 55 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में समुद्र की तलहटी से बरामद कर लिया।