
अमर सैनी
नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इको विलेज-3 सोसायटी में सोमवार को 11 वर्षीय बच्चा 25 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा। उसने इमरजेंसी फोन से कॉल कर अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद मेंटेनेंस स्टाफ ने उसे बाहर निकाला। लोगों का आरोप है कि लिफ्ट का मेंटेनेंस ठीक से नहीं होता है।
सोसायटी के टावर बी-2 के फ्लैट नंबर 604 में आनंद कुमार त्रिपाठी अपने परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा आर्यन दोपहर करीब साढ़े तीन बजे ट्यूशन पढ़ने जा रहा था। वह छठी से 18वीं मंजिल पर जाने के लिए लिफ्ट में चढ़ा। थोड़ा ऊपर जाते ही लिफ्ट झटके खाकर 15वीं और 16वीं मंजिल के बीच रुक गई और गेट नहीं खुला। बच्चे ने लिफ्ट का अलार्म बजाया, लेकिन कोई मदद को नहीं आया। इसके बाद आर्य ने इमरजेंसी फोन से अपने पिता को कॉल कर लिफ्ट में फंसे होने की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने तुरंत मेंटेनेंस प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। मेंटेनेंस कर्मचारी चाबी लेकर लिफ्ट में पहुंचे और बच्चे को बाहर निकाला। उनका बेटा करीब 25 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा।
रो-रोकर उसका बुरा हाल था
आनंद ने बताया कि लिफ्ट के झटके लगने और रुकने पर उनका बेटा डर गया। जब कुछ देर तक लिफ्ट का गेट नहीं खुला तो वह रोने लगा। इससे उसकी हालत और खराब हो गई। साथ ही उसे सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। उनका आरोप है कि लिफ्ट के रखरखाव में प्रबंधन लापरवाही बरत रहा है।
समय पर नहीं मिल पाती मदद
लोगों का आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों को लिफ्ट के सुरक्षा अलार्म पर नजर रखनी चाहिए, ताकि अगर कोई व्यक्ति लिफ्ट में फंस जाए तो उसे तुरंत बाहर निकाला जा सके। रखरखाव करने वाले कर्मचारी अपना काम ठीक से नहीं करते। सुरक्षा अलार्म बजने के बाद भी कोई मदद के लिए नहीं आता।