एम्स पॉजिटिव स्टोरी : ब्लड कैंसर से पीड़ित गरीब किसान को एम्स में मिला नया जीवन
-अलीगढ़ के किसान हरविंदर ने दूसरा जीवन देने वाले डॉक्टरों और स्टाफ को दिया धन्यवाद

नई दिल्ली, 26 जून : गंभीर रोगों के इलाज के लिए प्रसिद्ध एम्स दिल्ली से एक पॉजिटिव खबर आई है जिसके मुताबिक अलीगढ़ के एक गरीब किसान हरविंदर कुमार (36 वर्ष) ने ब्लड कैंसर को मात देने में सफलता प्राप्त की है। यह मरीज एक्यूट प्रोमाइलोसाइटिक ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) से पीड़ित था जिसे बहुत ही गंभीर हालत में एम्स लाया गया था और उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी।
यह जानकारी एम्स प्रवक्ता डॉ रीमा दादा ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि जब हरविंदर को एम्स अस्पताल लाया गया तो वह बेहोश था और उसकी नाक से खून बह रहा था। उसका हीमोग्लोबिन मात्र 4 ग्राम था जिसके चलते उसे दिल का दौरा पड़ सकता था और उसे तुरंत खून की जरूरत थी। लेकिन उसके पास न तो इलाज के लिए पैसे थे और न ही कोई डोनर। ऐसे में एम्स के सामाजिक कल्याण अधिकारियों ने धन की व्यवस्था की और डॉक्टरों की बेहतरीन टीम ने अत्याधुनिक तकनीक की मदद से इलाज किया और एक बहुमूल्य जीवन बचा लिया।
वहीं, यूपी के अलीगढ़ जिले के गांव नंगला निया निवासी हरविंदर ने बताया कि वह 2019 की शुरुआत में एक गंभीर बीमारी के साथ एम्स दिल्ली में भर्ती हुए थे। वे एक्यूट प्रोमाइलोसाइटिक ल्यूकेमिया नामक रक्त कैंसर के दुर्लभ और आक्रामक रूप से जूझ रहे थे और उनकी हालत गंभीर थी। रक्त के थक्के बड़े हो गए थे और हीमोग्लोबिन का स्तर खतरनाक रूप से कम था। एक बार तो डॉक्टरों ने जवाब ही दे दिया था।
गंभीर आर्थिक तंगी के कारण हरविंदर सारी उम्मीदें खो चुके थे। उन्हें अपनी पत्नी और चार बच्चों के भविष्य की भी फिक्र थी। यहीं पर उनकी मुलाकात चिकित्सा समाज कल्याण अधिकारी विवेक सिंह से हुई। उन्होंने आपात स्थिति को भांपते हुए मेडिकल टीम व चैरिटेबल ट्रस्ट से सहायता मांगी और उनके इलाज के लिए पैसे जुटाने में कामयाब रहे। इसके बाद उसका इलाज किया गया और वह धीरे-धीरे ठीक होने लगा।
हरविंदर ने कहा कि वह हेमटोलॉजी के डॉ. महापात्रा, डॉ. तूलिका सेठ, डॉ. मुकुल अग्रवाल, डॉ. तेजस्विनी, एमएसएसओ विवेक सिंह और अन्य स्टाफ सदस्यों के अथक परिश्रम के कारण ही मौत के मुंह में जाने से बच पाए। आज पूरी तरह स्वस्थ हूं और अपनी सामान्य जिंदगी में वापस आ गया हूं। उन्होंने कहा, मैंने अपने परिवार के साथ खेती फिर से शुरू कर दी है और इस दूसरी जिंदगी के लिए एम्स के डॉक्टरों का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।