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एआईआरएफ के नाम भारत सरकार ने डाक टिकट किया जारी, गौरवपूर्ण इतिहास

नईदिल्ली.27 फरवरी 2024: Government of India issued a postage stamp: रेलवे के सबसे पुराने, एतिहासिक एवं जुझारू संगठन, आल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (एआईआरएफ) की स्थापना को इस वर्ष 100 वर्ष पूरे होने जा रहे है।इसकी स्थापना 24 अप्रैल 1924 मे हुई थी।इसके उपलक्ष्य में भारतसरकार के द्वारा एक ‘‘स्मृति डाक टिकट ‘‘जारी करने का निर्णय लिया गया । इस शताब्दी वर्ष संस्मरण डाक टिकट को, भारत सरकार के रेल, संचार एव ंसूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अष्विनी वैश्णव द्वारा आज दिनांक 27 फरवरी  2024 को करनैल सिंह रेलवे स्टेडियम, में एक भब्य समारोह के अन्तर्गत लगभग 5 हजार से अधिक रेलकर्मियों की उपस्थिति में जारी किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर रेल मंत्रालय, भारतीय डाक एवं उत्तर रेलवे के अनेक प्रमुख उच्च अधिकारी उपस्थित रहे। इसके साथ ही देश भर के रेलवे, पोस्टल तथा अन्य सरकारी तथा असंगठित श्रमिको के संगठन के शीर्ष पदाधिकारी, अन्य गणमान्य प्रबुद्धजन भी उपस्थित रहे। यह देश के इतिहास में पहला अवसर है, जब किसी श्रमिक संगठन के नाम सेउ सके ‘‘शताब्दी वर्ष मे ंभारत सरकार द्वारा ‘डाक टिकट‘ जारी करके उसको सम्मान देने का काम किया गयाहै, जो कि इस बात का। प्रतीक है कि यह संगठन इस देश एवं श्रमिको के लिए एक महत्वपूर्ण संगठनहै।

इस अवसर पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि श्रीअष्वनी वैष्णव ने इसकी ऐतिहासिक पृश्ठभूमि पर संक्षिप्त प्रकाष डालते हुये कहा कि इस संगठन को ऐसे लोगो ने नेतृत्व प्रदान किया है जिनका इस देष के ट्रेड यूनियन अंादोलन ही नही बल्कि अन्र्तराश्ट्रीय स्तर के ट्रेड यूनियन आदोलन मे भी महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं । रेलकर्मियो ंका यह संगठन एक जिम्मेदार ट्रेड संगठन की भूमिका निभाते हुये न केवल रेल कर्मचारियों के सामाजिक एव ंआर्थिक उन्नयन के लिए बल्कि रेल उधोग एवं इसके उपभोक्ताओ के लिए सुरक्षित एव ंसुविधाजनक बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में फेडरेशन के महामंत्री श्री शिव गोपाल मिश्रा ने विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुये फेडरेशन द्वारा रेल कर्मचारियों एवं उनके परिवार के लिए सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में समय समय पर किये गये कार्य-कलापो के बारे में बताया।उन्होने बताया कि सौ वर्शो की यात्रा में जहाॅ रेलवे कर्मचारियों ने आल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के नेतृत्व में भारतीय रेलो की विकास गाथा लिखी, रूट किलोमीटर 68 किलोमीटर तक पहंचाया और आज 82 वंदेभारत एक्सप्रेस चल रही है,तथा 30  हजार अमृत भारत कोचो का निर्माण हमारे कर्मचारियों द्वारा होने वाला है वहीं इस फेडरेशन ने संघर्ष और उपलब्धियो के वह आयाम स्थापित किये जिसमे अंग्रेजो के समान वेतन, सुविधायें,छटनी पर रोक, मैन आफ क्राफ्ट और मैन आफ लेटरकी बराबरी, बोनस, वेतन आयोगो के माध्यम से वेतन भत्तों एवं सुविधाओ में प्रसार, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग के माध्यम से प्रोन्नतियो में विस्तार,सभी को वातानुकूलित पास की सुविधा,चिकित्साओ में विस्तार इत्यादि जैसी अनगिनत उपलब्धियाॅ एआईआरएफ के नाम है।जहाॅ एआईआरएफ द्वारा की गई 1960, 1968 और 1974 की गौरवपूर्ण संघर्श है वहीं इमरजेंसी के खिलाफ प्रस्ताव और संघर्श भी इस संगठन के शक्ति का इतिहास है।निष्चय ही आल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेषन के 100 वर्श सतत् संघर्श के रहे है और इस शताब्दी वर्ष में भी हम पुरानी पेंन्षन बहाली को लेकर सतत् संघर्शरत है और आशा करते है कि सरकार उसे अवष्य बहाल करेगी।

समारोह में एआईआरएफ के अध्यक्ष डा. एन कनैया, एनएफआईआर के महामंत्री डा. एम राघवैया,  रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती जया वर्मा सिन्हा, महानिदेशक भारतीय डाक सुश्री स्मिता कुमार , रेलवेबोर्ड के महानिदेंषक (एचआर) श्री नवीन गुलाटी, उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक श्री शोभुन चौधरी, एआइ्आरएफ के कार्यकारी अध्यक्ष श्री जे आर भोसले, एआईआरएफ के कोषाध्यक्ष श्री सी एच।    शंकराराव , राष्ट्रीय महिला संयोजक श्रीमती प्रवीना सिंह सहित अनेक महत्वपूर्ण पदाधिकारी एव ंअधिकारी उपस्थितरहे। समारोह का संचालन एआईआरएफ के सहायक महामंत्री श्री एस के त्यागी  ने किया।

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