अमर सैनी
नोएडा। प्रदेश के 1300 बिल्डरों ने अभी तक अपने प्रशासनिक और कानूनी प्रतिनिधियों को उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) से पत्र व्यवहार करने के लिए अधिकृत नहीं किया है, जबकि अथॉरिटी ने पांच महीने पहले ही आदेश जारी कर दिया था। अब तक सिर्फ 250 बिल्डरों ने ही कानूनी प्रतिनिधि की जानकारी दी है। वहीं, यूपी रेरा ने बिल्डरों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर अधिकारी को तुरंत अधिकृत नहीं किया गया तो यूपी रेरा से पत्राचार बंद कर दिया जाएगा।
यूपी रेरा में इस समय 1550 बिल्डर पंजीकृत हैं। उनके पास 3633 प्रोजेक्ट हैं। इन प्रोजेक्टों के खरीदार लगातार यूपी रेरा से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायतों का समय पर समाधान नहीं हो पा रहा है। इसका मुख्य कारण बिल्डरों की ओर से जिम्मेदार अधिकारी की कमी है। यूपी रेरा ने जनवरी में इस पर आदेश जारी किया था। राज्य के सभी बिल्डरों को कानूनी एवं प्रशासनिक अधिकारियों को अधिकृत करने का आदेश दिया। बिल्डरों को यह जानकारी यूपी रेरा पोर्टल पर देनी थी, लेकिन पांच महीने बाद भी सिर्फ 250 बिल्डरों ने ही जानकारी दी है। इन 250 बिल्डरों ने भी केवल प्राधिकृत कानूनी अधिकारी के बारे में जानकारी दी है, जबकि प्रशासनिक अधिकारी के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। जिस पर यूपी रेरा ने सभी बिल्डरों को नोटिस जारी कर चेतावनी दी है। अफसरों का कहना है कि इन 250 बिल्डरों के कानूनी अधिकारी ही प्रशासनिक अधिकारी माने जाएंगे।
वर्जन
बिल्डरों को यूपी रेरा के साथ पत्राचार के लिए कानूनी और प्रशासनिक अधिकारियों को अधिकृत करना होगा। इससे बायर्स के मामले जल्द से जल्द सुलझ सकेंगे, लेकिन कई बिल्डरों ने जानकारी नहीं दी है। अगर वे जानकारी नहीं देंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
प्रमोद कुमार उपाध्याय, सचिव, यूपी रेरा