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उत्तरप्रदेश, नोएडा: 58 साल की महिला की हुई जटिल सर्जरी

उत्तरप्रदेश, नोएडा: 58 साल की महिला की हुई जटिल सर्जरी

अजीत कुमार
उत्तरप्रदेश, नोएडा। सेक्टर-33 स्थित प्रकाश हॉस्पिटल में सर्जरी करके 58 साल की राधा की ज़िंदगी ही बदल दी। बुलंदशहर की रहने वाली राधा पिछले एक साल से घुटनों में बहुत ज़्यादा दर्द से परेशान थीं। उनका चलना-फिरना तक मुश्किल हो गया था। कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया।

ऊपर से उन्हें शुगर की भी परेशानी थी। जिससे ऑपरेशन का रिस्क और बढ़ गया था। लेकिन फिर किसी के सुझाव पर वो नोएडा के प्रकाश हॉस्पिटल आईं। यहां डॉ. मयंक चौहान से मुलाकात हुई और सलाह-मशवरे के बाद घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी का फैसला लिया गया।

सर्जरी के दिन से चलना शुरू किया
डॉ. मयंक ने यह सर्जरी मल्टीमॉडल पेन एनाल्जीसिया तकनीक से की। जिससे ऑपरेशन के बाद दर्द बहुत ही कम होता है। हैरानी की बात ये रही कि राधा ऑपरेशन के उसी दिन चलने लगीं। अगले ही दिन वो काफी ठीक और आरामदायक स्थिति में थीं। सिर्फ मुंह से ली जाने वाली दवाइयों पर रिकवरी शुरू हो गई।

घर पर ही कराई गई फिजियोथैरेपी
राधा के गांव में फिजियोथैरेपी की सुविधाएं नहीं थीं। ऐसे में प्रकाश हॉस्पिटल की टीम ने उन्हें घर पर ही करने वाली आसान एक्सरसाइज सिखाईं। राधा ने हिम्मत और अनुशासन के साथ वो सभी एक्सरसाइज फॉलो की और उनकी रिकवरी बहुत तेजी से हुई। दो हफ्ते बाद जब वो हॉस्पिटल में फॉलो-अप के लिए आईं, तो टांके निकाल दिए गए और वो बिना किसी सहारे के चल रही थीं। एक महीने के अंदर ही वो सीढ़ियां चढ़ने लगीं वो भी बिना दर्द या तकलीफ के।

सही समय पर जानकारी मिलना जरुरी
डॉ. मयंक चौहान का कहना है, “राधा के केस इस बात का बढ़िया उदाहरण है कि अगर सही तकनीक, सही समय पर और सही जानकारी के साथ दी जाए, तो ना सिर्फ चलने-फिरने की क्षमता वापस मिलती है। बल्कि पूरी जिंदगी की क्वॉलिटी भी बेहतर हो जाती है। हमारे लिए सर्जरी सिर्फ एक काम नहीं, बल्कि मरीज़ के भविष्य की ज़िम्मेदारी है।”

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